मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।
नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ जा रही ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस से पुलिस ने नकली नोटों का जखीरा बरामद किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन (मुगलसराय) में एसी कोच की जांच के दौरान लावारिस हालत में एक बैग मिला। बैग की छानबीन शुरू हुई तो उसमें दो-दो हजार के पांच हजार यानी एक करोड़ कीमत के नकली नोट मिले। बैग को स्टेशन पर उतारने के बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई।आईबी को भी बरामदगी के बारे में बताया गया है। पुलिस नोटों के तार और इसका नेटवर्क खंगालने की कोशिश में जुटी है। ट्रेन को पश्चिम बंगाल से होते हुए असोम तक जाना था। दोनों राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है। ऐसे में कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं।
पुलिस के अनुसार दिल्ली से सुबह करीब 11 बजे दीनदयाल उपाध्याय नगर (उपाध्याय) मुगलसराय स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ट्रेन के पहुंचने पर जीआरपी और आरपीएफ ने रूटीन चेकिंग शुरू की थी। इसी दौरान एसी कोच बी-4 में सीट के नीचे और आस पास रखे सामानों के बारे में यात्रियों से पूछताछ के दौरान एक लावारिस बैग के बारे में पता चला।तत्काल बैग को थाने लाया गया। यहां बैग से सभी नोट निकाले गए तो पता चला कि सभी नकली हैं। कुछ नोट अर्ध निर्मित भी थे। कई की स्याही छूट रही थी। जीआरपी इंस्पेक्टर आरके सिंह के अनुसार बरामदगी के बारे में आईबी को भी बता दिया गया है। नोटों के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
पुलिस ने बैग के बारे में आसपास के यात्रियों से पूछताछ की लेकिन कोई कुछ नहीं बता सका। बैग खोला गया तो पुलिस की आंखें चौंधिया गईं। पूरा बैग दो-दो हजार के नोटों से भरा था। मुखबिर की सूचना एकदम सटीक निकली, लेकिन गाड़ी में यह बैग कहां लोड हुआ यह रहस्य बना हुआ है। पुलिस दिल्ली से लेकर दीनदयाल नगर तक ट्रेन में इस बैग की लोडिंग का सुराग पाने के लिये सम्बंधित सभी स्टेशनों के कैमरे खंगाल रही है।
पुलिस सूत्रों से जुड़े एक उच्य अधिकारी के अनुसार बंग्लादेश नकली भारतीय मुद्रा की बड़ी मंडी है। अमूमन बंग्लादेश से चल कर नकली करेंसी भारत में भेजे जाते समय पकड़ा जता है। लेकिन इस बार राजधानी से बंग्लादेश के सीमावर्ती राज्यों में जाते पकड़ा गया है, यह नकली करेंसी के सौदागरों द्वारा पुलिस को चकमा देने के लिये भी किया जा सकता है। भारत और भारतीय राज्यों के सभी छोटे-बड़े चुनाव मे नकली नोटों के खपत का चलन बढ़ा है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह नोट चुनावी राज्यों में खपत करने के लिए रखा गया था।