जौनपुर।
होली के त्योहार को लेकर लोगों में उत्साह है। शनिवार को बाजारों में जहां गुझिया, नमकीम, रंग-गुलाल व पिचकारी की दुकानें हर तरफ सजी रहीं वहीं युवाओं की टोली होलिका को सजाने में जोर-शोर से जुटी है। नगरों में चंदा लेकर जहां लकड़ी व सरपत खरीदकर होलिका को बढ़ाया जा रहा है, वहीं गांवों में पेड़ों की डालियों के साथ ही झाड़-झंखाड़ को डालकर होलिका को इस कदर बढ़ाया जा रहा है कि जलाने के बाद लौ सबसे ऊंची उठे। पुलिस प्रशासन के अनुसार जनपद में 3006 स्थानों पर रविवार की रात होलिका जलाई जाएगी। इसके साथ ही रंगोत्सव का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। पुलिस विभाग के अनुसार जिले भर में 3006 स्थानों पर इस बार होलिका जलाई जाएगी। सभी पुराने स्थानों पर ही होलिका लगाई गई है। नए स्थान पर होलिका लगाने की अनुमति किसी को नहीं दी गई है। होलिका दहन के दौरान सभी थानेदार अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष चैकसी बरतेंगे, ताकि कहीं कोई विवाद न हो सके। इस वर्ष होलिकादहन विशेष शुभ योग में है। इस दिन वृद्धि योग रहेगा, जो रात्रि 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
इस योग में होलिका दहन करने पर समस्त कामनाओं की पूर्ति, यश, विजय, आरोग्यता एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होगी। वैसे तो होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा को संपन्न होता है। जलती होली में गेहूं, चने और जौ की बाली को भूनने का भी विधान है। होली की ज्वाला की तीन परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए। फाल्गुन पूर्णिमा को भगवान नारायण का दर्शन करना विशेष फलदायी कहा गया है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को गुलाल लगाने के पश्चात ही सभी को गुलाल लगाना चाहिए। ऐसा करने से वर्ष भर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 28 मार्च रविवार को पाताल लोक की भद्रा दिन में एक बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम को प्रदोषकाल में होलिका दहन के समय भद्राकाल न होने से होलिका दहन शुभ फल देने वाला रहेगा, जिससे रोग, शोक और दोष दूर होंगे।