जौनपुर ।
बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल को पहले दिन सोमवार जिला मुख्यालय पर बैंक कर्मचारियों ने यूबीआइ की क्षेत्रीय कार्यालय व तहसीलों में शाखा के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन के कारण पहले दिन 19 बैंकों की 350 शाखाओं का कामकाज ठप रहा। इस हड़ताल से सोमवार को करीब 1.60 अरब का लेनदेन प्रभावित हुआ। जानकारी के अभाव में बैंक पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले दिन राष्ट्रीयकृत व ग्रामीण बैंक के कर्मचारी शामिल हुए। सोमवार को जिलेभर की सभी बैंकों का करीब 20 करोड़ का क्लीयरिग, 70 करोड़ का आरटीजीएस, 70 करोड़ का नकद लेनदेन नहीं हो सका। माह के दूसरे शनिवार व रविवार को नियमित अवकाश के बाद तीसरे दिन बैंकों में ताला लटकने के कारण कारोबारियों व खाता धारकों को परेशानी का सामना पड़ा। यूपी बैंक इम्प्लाइज के अध्यक्ष एसएन जायसवाल ने कहा कि निजीकरण ग्राहक हित में नहीं है।.
इसका जीता जागता उदाहरण अभी हाल ही में देश में तीन प्राइवेट बैंक पीएमसी, एस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक की माली हालत खराब हुई, जिसके कारण ग्राहकों को अपना ही जमा धन निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राइवेट बैंक महंगे दर पर ग्राहकों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराते हैं। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के मंत्री आरपी सिंह ने कहा कि सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को निजीकरण करने का प्रस्ताव इस बजट सत्र में लाया है। यह निजीकरण का प्रस्ताव न तो जनहित व देशहित और न ही कर्मचारी हित में है। बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ पूरे देश में बैंकिग कर्मचारी व अधिकारी लामबंद होकर हड़ताल पर हैं। प्रदर्शन करने वालों में सुभाष सिंह, देवांश, संतोष यादव, इंदर, दुष्यंत, कृष्णा यादव, आशीष श्रीवास्तव, कमलेश मिश्रा, अनिल मौर्या, संजय यादव आदि मौजूद रहे।