किसानों का चीनी मिलों पर 1 अरब से अधिक के बकाये, मनरेगा में भ्रष्टाचार पर विधायक संजय ने उठाये सवाल सरकार से किया समस्याओं के निस्तारण की मां

 




बस्ती 

 रूधौली विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने   वाल्टरगंज चीनी मिल को चलाये जाने, करोड़ो रूपयों के गन्ना मूल्य भुगतान, मनरेगा मजदूरों के सौ दिन का रोजगार दिये जाने, मनरेगा परियोजना में व्याप्त भ्रष्टाचार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), शौचालय निर्माण आदि में व्याप्त भ्रष्टाचार आदि सवालों को लेकर नियम 51 के तहत प्रमुख सचिव उ.प्र. विधानसभा को पत्र देकर लोक महत्व के विषय पर  शासन का ध्यान आकृष्ट करते हुये कार्यवाही का आग्रह किया है।
विधायक संजय प्रताप ने पत्र में कहा है कि प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से लगातार मिलों पर दबाव बनाने तथा मिल अधिकारियों को चेतावनी देने के बाद भी चीनी मिले किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर रही है। जनपद के वाल्टरगंज चीनी मिल पर किसानों का लगभग 42 करोड़ रूपया बकाया है, यदि कर्मचारियों का बकाया रकम जोड़ दिया जाय तो यह राशि 50 करोड़ के लगभग हो जायेगी। वाल्टरगंज चीनी मिल को चलाये जाने के नये मिल मालिक के प्रयासों को अब तक प्रशासन द्वारा हरी झण्डी न मिलने पर भी सवाल खडे हो रहे हैं।  अठदमा चीनी मिल पर भी पिछले पेराई सत्र का 49 करोड़ रूपया बकाया है। इस प्रकार चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का कुल बकाया लगभग 1 अरब 50 करोड़ हो चुका है। विधायक संजय ने कहा है कि क्षेत्रीय विधायक होने के नाते उन्हें भी किसानों के आक्रोश का शिकार होना पड़ रहा है और सरकार की छवि धूमिल हो रही है। किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाना आवश्यक है।
विधानसभा के प्रमुख सचिव को नियम 51 के तहत दिये गये दूसरे पत्र में रूधौली विधायक संजय प्रताप ने मनरेगा योजना में पिछले 18 माह में 3 अरब 8 करोड़ रूपये से अधिक धन खर्च किये जाने पर सवाल खड़ा करते हुये कहा है कि मिलीभगत के कारण आधे कार्य ही दिखायी पड़ रहे हैं। मनरेगा परियोजना में मनमानी के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है।   यह जानकारी विधायक संजय प्रताप के मीडिया प्रभारी अमर सोनी ने दी है। 

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