*नई दिल्ली।*
केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया के तहत सभी वित्तीय लेनदेन को को डिजिटल बनाने पर जोर दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर देश में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इसकी वजह से ऑनलाइन लेनदेन करने वाले ग्राहकों की चिंता बढ़ती जा रही है। कई ग्राहक जानकारी के अभाव में अपने साथ हुई ऑनलाइन ठगी की शिकायत नहीं कर पाते, जिससे उनके नुकसान की भरपाई भी संभव नहीं हो पाती।
ग्राहकों के साथ हुए ऑनलाइन फ्रॉड के मामले पर राष्ट्रीय ग्राहक आयोग की तरफ से बैंक खाताधारकों के लिए अच्छी और राहत पहुंचाने वाली खबर आई है। आयोग ने कहा है कि यदि हैंकर ने ग्राहकों के खातों से रकम ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड के जरिये गायब किया तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी बैंक की होगी।
महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक 12 साल पुराने एक अपराध के मामले में फैसला सुनाते हुए आयोग ने ऑनलाइन फ्रॉड के लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया है। हैकर ने खाते से रकम निकाली है ऐसी शिकायत एक महिला ने बैंक से की थी।
इस घटना के लिए ग्राहक ने बैंक के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया था। संबंधित महिला ग्राहक का क्रेडिट चोरी हो जाने के बारे में कोई भी सबूत बैंक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया था। ऐसा आयोग ने अपने आदेश में दर्ज किया है और पीड़ित महिला को बैंक द्वारा नुकसान भरपाई करने का आदेश सुनाया।
*बैंक को 3 लाख रुपये की नुकसान भरपाई का आदेश*
ठाणे शहर की जेसना जोस ने एक निजी बैंक से प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड लिया था। साल 2008 में उनके खाते से 29 ट्रांजैक्शन के जरिये हैकर ने 3 लाख रुपये उड़ा लिए। इसकी शिकायत जेसना ने उपभोक्ता आयोग के साथ ही लॉस एंजेलिस पुलिस के पास भी की। इसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बैंक के इस दावे को नकार दिया कि क्रेडिट कार्ड चोरी हो गया था और जेसना को 3 लाख रुपये नुकसान भरपाई देने का आदेश दिया। इसके अलावा मानसिक उत्पीड़न और कानूनी कार्रवाई खर्च के रूप में 80 हजार रुपये अलग से देने का आदेश भी दिया।
ग्राहकों के साथ हुए ऑनलाइन फ्रॉड के मामले पर राष्ट्रीय ग्राहक आयोग की तरफ से बैंक खाताधारकों के लिए अच्छी और राहत पहुंचाने वाली खबर आई है। आयोग ने कहा है कि यदि हैंकर ने ग्राहकों के खातों से रकम ऑनलाइन हैकिंग और फ्रॉड के जरिये गायब किया तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी बैंक की होगी।
महाराष्ट्र टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक 12 साल पुराने एक अपराध के मामले में फैसला सुनाते हुए आयोग ने ऑनलाइन फ्रॉड के लिए बैंक को जिम्मेदार ठहराया है। हैकर ने खाते से रकम निकाली है ऐसी शिकायत एक महिला ने बैंक से की थी।
इस घटना के लिए ग्राहक ने बैंक के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया था। संबंधित महिला ग्राहक का क्रेडिट चोरी हो जाने के बारे में कोई भी सबूत बैंक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया था। ऐसा आयोग ने अपने आदेश में दर्ज किया है और पीड़ित महिला को बैंक द्वारा नुकसान भरपाई करने का आदेश सुनाया।
*बैंक को 3 लाख रुपये की नुकसान भरपाई का आदेश*
ठाणे शहर की जेसना जोस ने एक निजी बैंक से प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड लिया था। साल 2008 में उनके खाते से 29 ट्रांजैक्शन के जरिये हैकर ने 3 लाख रुपये उड़ा लिए। इसकी शिकायत जेसना ने उपभोक्ता आयोग के साथ ही लॉस एंजेलिस पुलिस के पास भी की। इसके बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बैंक के इस दावे को नकार दिया कि क्रेडिट कार्ड चोरी हो गया था और जेसना को 3 लाख रुपये नुकसान भरपाई देने का आदेश दिया। इसके अलावा मानसिक उत्पीड़न और कानूनी कार्रवाई खर्च के रूप में 80 हजार रुपये अलग से देने का आदेश भी दिया।