कृषिमंत्री की पाती पहुँच रही गांव गांव

 


गांव गांव पहुंच रहा किसानों के नाम पत्र

जौनपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे आंदोलन के बीच किसानों को इन कानूनों की जरूरत और फायदे समझाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों के नाम पत्र भेजा है। इसमें उन सभी सवालों के जवाब भी बिंदुवार दिए हैं, जो विपक्ष और किसान संगठनों द्वारा उठाए जा रहे हैं। दिल्ली में किसानों का आंदोलन चलते हुए एक महीने पूरा होने को है। जिले में भारतीय किसान यूनियन  समेत अन्य संगठन समय समय पर आंदोलन कर चुके हैं। सपा, कांग्रेस और प्रसपा जैसे दल गांव गांव जाकर किसानों को इन कानूनों की कमियां गिना रहे हैं। 
ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पेज का पत्र भेजा है। सरकारी कर्मचारी गांव-गांव किसानों को पाती पहुंचा रहा है। पाती के माध्यम से केंद्रीय मंत्री का कहना है कि एमएसपी की व्यवस्था जैसी है वैसी ही रहेगी। न ही मंडियां बंद होंगी। परिस्थिति कैसी भी हो किसानों की जमीन सुरक्षित रहेगी, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकेगा। कृषि मंत्री का कहना है कि कुछ लोग यह कहकर भ्रम फैला रहे हैं कि कानून बनाने से पहले कोई चर्चा नहीं की गई। जबकि हकीकत ये है कि इस पर दो दशक से विचार विमर्श चल रहा था। पूर्व की सरकारें भी इस तरह के सुधारों की बात अपने घोषणा पत्रों में करती रही हैं। पत्र के माध्यम से कृषि मंत्री ने किसानों को यह आश्वस्त करने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार ने तीनों कानून छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए बनाए हैं। कांट्रेक्ट केवल फसल का होगा। खेत पर मालिकाना हक हर हाल में किसान का ही रहेगा। केंद्रीय मंत्री के इस पत्र को पंचायत सचिवों के जरिए किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

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