मिलीभगत से मिलावटी गुड़ और तेल की बिक्री

 



जौनपुर
  मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए शहर व ग्रामीणांचलों में मिलावटी गुड़ व खाद्य तेलों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।  खाद्य सुरक्षा विभाग की सांठ-गांठ से शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर मिलावटी गुड़ बनाने का कारखाना चलाया जा रहा है। इनका सेवन कर लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। जिम्मेदार महकमे के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक का पूरा ध्यान कार्रवाई की बजाय इस काले धंधे में लिप्त लोगों से हर महीने मिलने वाले सुविधा शुल्क पर रहता है। शहर में अलफस्टीनगंज समेत आधा दर्जन से ज्यादा स्थानों पर मिलावटी गुड़ बनाने की फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। 
बोरों में बाहर से आने वाले पांच किग्रा या इससे भी अधिक वजन वाले गुड़ के चट्टे को भट्ठियों पर बड़े कड़ाहों में गलाकर आटा, चिकनी मिट्टी, चावल की किनकी आदि मिलाकर गुड़ बनाकर बाजारों में दुकानों पर बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। मिलावटी गुड़ व खाद्य तेलों का सेवन कर लोग उदर व अन्य रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं। मिलावटी सरसों व तिल्ली के तेल बनाने के भी कई छोटे-छोटे कारखाने चल रहे हैं। शासन का आदेश आने पर यदा-कदा चेकिग अभियान चलता भी है तो महकमे के जिम्मेदार लोग उन्हीं दुकानों से नमूने संग्रहीत करते हैं, जहां से उनका सुविधा शुल्क नहीं बंधा होता है। नमूने भी लेते हैं तो ब्रांडेड कंपनियों के उत्पादों के, जिनका दुकानदार से कोई मतलब नहीं होता। खुले और मिलावटी गुड़ व खाद्य तेलों का नमूना नहीं लेते।

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