मायबी असुरों तम्हे प्रणाम,

 मोदी के पहले कोई भी कानून सिर्फ देश की संसद में पास कराने होते थे। अब उस प्रक्रिया में दो लेयर और जुड़ गए हैं। कानून कोई भी हो - पहले सदन में पास कराओ फिर सुप्रीम कोर्ट में और उसके बाद सड़क पर।


कांग्रेस के 50 लोग पहले सदन में ड्रामा करते हैं पर संख्या बल से हार जाने के बाद वे कोर्ट पहुँच कर व्यवधान उत्पन्न करते हैं। वहाँ भी हार जाने के बाद अपने 200 चिन्टुओं को सड़क पे नंगनाच करने बैठा देते हैं। इनमें से 50 गुर्गे आलराउंडर हैं। वही अल्पसंख्यक बनते हैं, वही बुद्धिजीवी हैं, वही विद्यार्थी हैं, वही किसान हैं, वही रडार वैज्ञानिक हैं, वही एरोनॉटिकल इंजीनियर हैं, वही देश के दलित हैं, वही राजनैतिक विश्लेषक हैं, वही सरदार हैं, वही ब्राह्मण हैं, वही कानूनविद हैं, वही जज हैं, वही वकील हैं, वही अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकार हैं, वही देश विदेश में घाव पर बैठने वाली मक्खी मीडिया हैं, वही लेखक हैं, वही पत्रकार हैं, वही अर्थशास्त्री हैं, वही अवार्ड वापसी गैंग हैं, वही टुकड़े-2 गैंग खड़ा कर देते हैं, वही पेरियार हैं, वही भीमा कोरेगांव हैं, वही यूनिवर्सिटी हैं, वही संसद हैं, वही कानून हैं, वही आतंकियों के महिमा मण्डन में लगे चोर हैं, वही देश के असली नेता हैं, वही देश की जनता हैं, वही खेल हैं, वही खिलाड़ी हैं, वही दिल्ली हैं, वही मुम्बई हैं, वही करोना विशेषज्ञ हैं, वही कुतुबमीनार हैं, वही मजार हैं, वही लाल किला हैं, वही ताजमहल हैं, वही MF हुसैन हैं, वही पेंटिंग हैं, वही UN हैं, वही अंतराष्ट्रीय कोर्ट हैं, वही WHO हैं, वही पाकिस्तान के परमाणु बम हैं, वही ज्योतिषी हैं, वही शिक्षक हैं, वही शिक्षाविद हैं, वही बकासुर हैं...


ये मायाबी असुर, कब कौन सा रूप रख के नंगनाच शुरू कर दें, ये ब्रह्मा जी भी नहीं बता सकते...!! 

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