https://youtu.be/eyARQg7ga3g बस्ती,
मुगलों और और अंग्रेजों ने देश के इतिहास और प्रति मानो के साथ अनेक छल,छद्म किये है।अनेकानेक दिवस बदल दिए गए ,तमाम तिथियां बदल दी गई विक्रमी संवत ,शक संवत आदि को छोड़कर ईसवी संवत को ला करके खड़ा कर दिया गया हमने स्वीकार किया अजब जब राष्ट्रवादी सरकार है तब हम राष्ट्रवादी सरकार से मांग करते हैं कि देश के प्रतिमानो में जिन को सुधारा जा सकता है उन्हें सुधारा जाए ।
सिख धर्म के दशमेश गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों क्रमशः जोरावर सिंह और फतेह सिंह जिनको मुगल सल्तनत ने एक गुप्तचर के कहने पर सीधे जिंदा दीवाल में चुनवा दिया ।उन शहीदों के सम्मान में भारत सरकार ने आज तक कहीं भी कोई भी प्रतीक चिन्ह स्थापित नहीं किए और जिस सम्मान के वे सबसे बड़े हकदार थे जोरावर सिंह और फतेह सिंह उस सम्मान को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम 14 नवंबर को बाल दिवस घोषित कर दिया गया ।यद्यपि मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं तथापि प्रधानमंत्री जी ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे उनके नाम के उनके जन्म के दिन को ,बाल दिवस ,घोषित किया जाए ।
आज भारत में राष्ट्रवादी सरकार है ऐसे में पूर्वांचल परिषद,आर्यसमाज तथा अनेक सामाजिक,सांस्कृतिक सगठन यह मांग करते है कि देश के प्रधानमंत्री और वैश्विक स्तर पर स्वाभिमान के प्रतीक आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी दशमेश के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के नाम पर 27 दिसंबर को जिस दिन उनको जिंदा चुनवा या गया थाराष्ट्रीय बाल दिवस घोषित करने पर विचार करें ।
मेरे जैसे अकींचन कि इस मांग को संभवत देश के अधिसंख्य आबादी की मांग होगी ,मैं देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ,महामहिम राष्ट्रपति ,लोकसभा और राज्यसभा के माननीय अध्यक्ष गण, देश के सभी माननीय सांसद गण और देश के सभी राष्ट्रीय पार्टियों के माननीय अध्यक्ष गण से सादर निवेदन है कीजोरावर सिंह औऱ फतेह सिंह और के बलिदान दिवस को राष्ट्रीय बाल दिवस घोषित करने के लिए पहल करें। सम्भवत: गोविंद सिंह और उनके पुत्रों को इससे बड़ी और कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती ।
राजेन्द्र नाथ तिवारी