जौनपुर।
बिना पंजीकरण के अवैध रूप से प्राइवेट नर्सिंग होम खोल कर प्रसव कराने वाले चार निजी अस्पतालों के संचालकों के खिलाफ गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जिलजाधिकारी ने दिया है। लापरवाही बरतने वाले पीएचसी सोंधी के चिकित्सा अधिकारी डॉ0 रमेश चंद्रा को बचा लिया है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को पिछले कई महीने से को अपनी शिकायतें मिल रही थी कि खेतासराय कस्बा और शाहगंज नगर क्षेत्र में कुछ निजी नर्सिंग होम अस्पताल संचालकों के यहां अवैध रूप से प्रसव कराने का खेल किया जाता है फर्जीवाड़े के इस खेल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधी के चिकित्सा कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है, यहां तैनात कुछ स्टाफ नर्स, आंगनवाड़ी कार्यकत्री मरीजों को निजी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए प्रेरित करती है।
मामले की जांच के लिए जिला सूचना अधिकारी को जांच अधिकारी नामित किया। उन्होनेे दो दिन में जांच करके अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपा। जिसके बाद जिलाधिएकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तलब करते हुए फटकार लगाई। सीएमओ आनन-फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधी में धमक पड़े, यहां पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर चंद्रा से शाहगंज, खेतासराय में संचालित अवैध नर्सिंग होम,झोला छाप प्राइवेट चिकित्सालयों के बारे में अब तक हुई करवाई की जानकारी मांगी तो वह सही जवाब देने के बजाय गुमराह करने लगे।
आखिरकार डॉक्टर रमेश चंद्रा को पहली चेतावनी देते हुये छोड़ दिया गया। जबकि चार अन्य प्राइवेट नर्सिंग होम संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। इसमें खेतासराय कस्बा के स्टेशन गली में स्थित शशि बाला गौतम द्वारा संचालित नर्सिंग होम व प्रिया कौल द्वारा गुरैनी मे खोले गए निजी अस्पताल और रेखा यादव द्वारा जपटापुर बाजार में संचालित नर्सिंग होम, कोइरीडीहा बाजार में उर्मिला मौर्य द्वारा संचालित नर्सिंग होम के खिलाफ इंडियन मेडिकल कांसीलेट एक्ट 1956 की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए संबंधित थानाध्यक्ष को पत्र भेज दिया गया है।