प्रज्ञापराध !
लोभ संवरण न कर सकने का दुष्परिणामअवसाद,अपमान उपेक्षा,घृणा ?सब एक साथ
देहरादून
हुआ यह कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून जिला जज प्रशांत जोशी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल एचएस बोनाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिला जज जोशी 21 व 22 दिसम्बर को मसूरी कोर्ट सरकारी वाहन से न जाकर केके सोनी नामक व्यक्ति की ऑडी कार से गए थे, जिस पर कुछ दिनों पहले ही राजपुर थाने में 420, 467 और 468 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।
हाईकोर्ट ने इस कार के नम्बर का उल्लेख भी अपने आदेश में किया है और इसे सरकारी सेवा मानकों का उल्लंघन माना गया है। आदेश में कहा गया है कि जिला जज के रूप में उनके पास वाहन उपलब्ध होने के बावजूद ऐसा करना गम्भीर चूक थी।
उक्त कार मसूरी स्थित सरकारी कोर्ट परिसर के बाहर खड़ी दिखी थी। निलम्बन अवधि में जोशी रुद्रप्रयाग कोर्ट से अटैच होंगे और इस अवधि में उन्हें नियमानुसार आधा वेतन दिया जाएगा।
समाज मे ऐसे लोग ही प्रज्ञापराधी कहलाते हैं, जिन्हें सब पता रहने के बावजूद अहम ब्रह्मश्मि का अहंकार रहता है!