मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
पूर्व विधायक रमेश गौतम और कटरा विधानसभा से बसपा से चुनाव लड़ चुके मसूद आलम खां को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।दोनों नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधि में संलिप्त होने व अनुशासनहीनता के आरोप में बाहर कर दिया गया है। दोनों नेताओं के निष्कासन की पुष्टि जिलाध्यक्ष मनोज कुमार कनौजिया ने की है। निष्कासन की सूचना से गोंंडा के राजनैतिक हलकों में खलबली मची हुई है। पूर्व विधायक रमेश गौतम 1997 से 2002 तक बसपा के जिलाध्यक्ष रहे। 2007 में डिक्सिर विधानसभा (अब तरबगंज) के विधायक चुने गए।
यही नहीं 2012 और 2017 में मनकापुर सुरक्षित विधानसभा से भी बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े। 2019 में वह बहराइच के बलहा विधानसभा का उपचुनाव भी बसपा से लड़े। इस समय वह बस्ती व देवीपाटन मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मसूद आलम खां 2012 व 2017 का विधानसभा चुनाव कटरा विधानसभा से बसपा के टिकट से लड़े थे। 2006 में बसपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में ब्लाक प्रमुख का चुनाव भी लड़ा और जीता था। दोनों नेताओं के निष्कासन से जिले में राजनैतिक हलकों का माहौल गर्मा गया है।
हाल ही में दोनों नेताओं की अलग ठौर तलाशने की चर्चा जिले में जोर-शोर से हो रही थी। सोशल मीडिया पर दूसरी पार्टी में शामिल होने की खबर भी खूब वायरल हुई थी। बाद में दूसरे दल भी शामिल होने की पुष्टि नहीं हो पाई थी। पूर्व विधायक रमेश गौतम व बसपा नेता मसूद आलम खां ने निष्कासन के संबंध में कहा कि वह अपना पक्ष बसपा सुप्रीमो मायावती के समक्ष रखेंगे। पूर्व विधायक ने बताया कि हाल ही में उनकी मुलाकात बहन जी से हुई थी। उन्होंने ही देवीपाटन मंडल के साथ बस्ती मंडल का मुख्य सेक्टर प्रभारी के रूप में अतिरिक्त कार्य देखरेख का निर्देश दिया था।