तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख, किसानों को मिली लेकिन न्याय नहीं मिला मिलार्ड जितेंद्र कुमार अखिल भारतीय मीडिया फाउंडेशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

 

अर्थात

कई साल पहले एक फिल्म आई थी अभिनेता सनी देओल की जिसके निर्माता निर्देशक थे राजकुमार संतोषी  उसी फिल्म के डायलॉग बहुत सटीक बैठता है, किसान आंदोलन में 6 राउंड की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी भी केंद्र सरकार ने कृषि संशोधन बिल को लेकर कोई फैसला नहीं लिया ,कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक किसान आंदोलन को लेकर किसानों के साथ खड़े हैं, विपक्ष के तमाम राजनीतिक पार्टियां किसान के समर्थन में भारत बंद का आंदोलन का हिस्सा बन चुकी हैं,

 अब केंद्र में बैठी  मोदी सरकार का सिंहासन डगमगाने लगा है, डर सा सताने लगा है माननीय प्रधानमंत्री जी को कि पूरे देश में, यह क्या हो गया कौन सा बिल हमने ला दिया कि देश की जनता मेहनत करने वाले किसान हमसे खफा हो गए ,दरअसल अंबानी और अडानी के बीच में बैठने वाले भाई नरेंद्र मोदी जी को यह अंदाजा नहीं था कि यही किसान हैं जो मुझे सूट बूट में इस कुर्सी पर बैठाए हैं 

,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित केंद्रीय कृषि मंत्री भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने सोचा भले ही था कि 4 दिन में किसान वापस हो जाएंगे लेकिन उल्टा पड़ गया, किसान तो दाना पानी लेकर सड़क पर उतरे हैं वापस तो तभी जाएंगे जब मिलार्ड का कोई फैसला आएगा, एक मौका और दे दिया मोदी सरकार ने विपक्षी पार्टियों को जो किसान के पक्ष में सड़कों पर उतरे थे ,भारत बंद का ऐलान किए थे ऐसे में विपक्षी नेताओं का गिरफ्तारी और किसानों का हौसला बढ़ाती है

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