जौनपुर,उत्तरप्रदेश12 दिसम्बर
अवैध अस्पतालों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन अस्पतालों में झोला छाप डाक्टर उपचार कर रहे हैं। वे किसी भी रोग को ठीक करने की गारंटी लेने से भी नहीं हिचकते। जिले के हर क्षेत्र व बाजारों में थोक की संख्या में झोला छाप चिकित्सक खुलेआम प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं। वहीं कुछ झोला छाप चिकित्सक नामी-गिरामी चिकित्सकों का नेम प्लेट लगाकर खुद अस्पताल चला रहे हैं। इन अस्पतालों में मुख्य रूप से भ्रूण हत्या का धंधा चलता है। बिना आक्सीजन और बेहोश किए इन अस्पतालों में कई तरह के आपरेशन कर दिए जाते हैं। आलम यह है कि बगैर किसी वैध डिग्री-डिप्लोमा के ये झोला छाप चिकित्सक बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर गारंटी के साथ सभी रोगों को ठीक करने की बात करते हैं।
इनके झांसे में आकर सीधे-सादे ग्रामीण अपना पैसा व स्वास्थ्य दोनों गंवा देते हैं। कुछ को तो अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। दूसरी तरफ सभी गांवों में तीन से चार की संख्या में फर्जी डाक्टर अपना क्लीनिक चला रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है। जानकार लोगों का कहना है कि नीचे से ऊपर तक सब कुछ मैनेज है। फलस्वरूप फर्जी डाक्टर लोगों के जान की कीमत लाखों रुपये के वारे न्यारे प्रति वर्ष कर रहे हैं। जागरूक लोगों ने सीएमओ बलिया से तत्काल झोला छाप चिकित्सकों व फर्जी अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है।
सीएमओ कहते है कि झोलाछाप डाक्टरों व अवैध प्राइवेट अस्पतालों की जांच की जाएगी। जिनका पंजीयन नहीं होगा, उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। इसकी जांच के लिए बहुत जल्द अभियान चलाया जाएगा।