मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर से बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा.हरगोविंद सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। न्यायालय में पेशी से बचने के लिए कोरोना संक्रमण की झूठी रिपोर्ट लगाने के आरोप पर अपर जिला व सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दीपकांत मणि ने यह आदेश दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष-2010 में बखिरा थाने में लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और कई अन्य धाराओं के तहत विधायक राकेश सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मामला अभी न्यायालय में चल रहा है। लेकिन विधायक के उपस्थित न होने के कारण पिछले करीब दस वर्षों से मुकदमे में कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। सूत्रों के अनुसार पिछले चार वर्ष से आरोपित विधायक न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए हैं। न्यायालय ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया इसके बाद भी वह उपस्थित नहीं हुए। आरोप है कि उन्होंने खुद को कोरोना संक्रमित बताकर होम आइसोलेशन में होने का कारण दिखा दिया। सीएमओ डा. हरगोविंद सिंह ने भी कोर्ट में विधायक के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की बात कही थी। उधर, होम आइसोलेशन टीम के सदस्य डा. विवेक कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि होम आइसोलेशन अवधि में विधायक राकेश सिंह बघेल अपने घर पर मौजूद नहीं मिले। यही नहीं उनसे मोबाइल पर संपर्क भी नहीं हो सका।
होम आइसोलेशन टीम की रिपोर्ट के बावजूद बीजेपी विधायक के आइसोलेशन में मौजूद नहीं रहने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।न्यायालय ने कहा कि सीएमओ ने आरोपित का आरटीपीसीआर टेस्ट भी नहीं कराया। इससे लगता है कि विधायक के कोरोना संक्रमित होने की रिपोर्ट कूटरचित हो सकती है। न्यायायल ने सीएमओ की भूमिका को भी गलत पाया। मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने खलीलाबाद के थानेदार को विधायक और सीएमओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके साथ ही सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य लखनऊ को भेजने का भी निर्देश दिया।