"बीट प्रभारी के संरक्षण में जंगल से काटे जा रहे बेशकीमती पेड़"

 



मिल्कीपुर, अयोध्या।

जंगल बचे तो पर्यावरण भी बचा रहेगा, लेकिन मिल्कीपुर तहसील के कुमारगंज वन रेंज में लकड़कटों द्वारा जंगल में पेड़ों का कटान धड़ल्ले से किया जा रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो जिन पर जंगल को बचाने की जिम्मेदारी है, उनकी मिलीभगत से ही पेड़ काटे जा रहे हैं। हालाकि प्रभागीय वन अधिकारी मनोज कुमार खरे ने कहा कि मुझको इसके बारे में जानकारी नहीं है। यदि जंगल से पेड़ काटे गए हैं तो उप प्रभागीय वनाधिकारी से जांच कराई जाएगी। वहीं वन विभाग के आला अफसर हमेशा की तरह जांच और कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
कुमारगंज वन रेंज के कोटिया बकचुना जंगल में लकड़कट और वन विभाग के वीट प्रभारी की मिलीभगत से आए दिन पेड़ काटे जा रहे है। तथा जंगल की बेशकीमती लकड़ियों को आरा मशीन पर पहुंचाया जा रहा है। स्थानीय लोगों नेे नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि लकड़कट प्रतिबंधित बेशकीमती लकड़ियों को शाम होते ही जंगल से बाहर निकाल कर  ठिकाने लगा देते हैं ।इतना ही नही जंगल से सटे गांव के कुछ लोगों  का कहना है कि जंगल से कीमती लकड़ी की तस्करी का ये खेल कई दिनों  से चल रहा है, जब जंगल से पेड़ काट लिए जाते है तो उसके बाद वन विभाग के कर्मचारी खुथो को भी खुदवा देते हैं । 
आए दिन प्रतिबंधित  प्रजाति की बेशकीमती लकड़ी जंगल में काटती रहती है। ऐसा नहीं है कि वन विभाग के अधिकारी लकड़ी तस्करी से अंजान हैं। वन कर्मचारियों की मिलीभगत से ही जंगल में पेड़ों का कटान हो रहा है। क्षेत्रीय लोग इसके खिलाफ आवाज भी उठाते रहते हैं, लेकिन वन विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही करता रहता है। जिससे जंगल में पेड़ों का कटान लगातार जारी है। कोटिया बकचुना जंगल में प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों के हो रहे अवैध कटान के संबंध में जब प्रभागीय वन अधिकारी अयोध्या मनोज कुमार खरे से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि मुझको इसके बारे में जानकारी नहीं है यदि जंगल से पेड़ काटे गए हैं तो उप प्रभागीय वनाधिकारी से जांच कराई जाएगी और दोषी वन कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

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