नई दिल्ली
अश्वनी उपाध्याय नेता भारतीय जनता पार्टी ने सुप्रीमकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है जिसमे उन्होंने डिमांड किया है कि ",किसी चुनाव में यदि नोटा को सर्वाधिक वोट मिल जाता है तो वहाँ का चुनाव रदद् कर दिया जाय और प्रतिभागियों /प्रत्याशियों को अगले चुनाव के अयोग्य माना जाय।"अगर सुप्रिम कोर्ट ने इस पर व्यवस्था से देदिया तो किसी क्रांतिकारी कदम की तरह ही होगा यह निर्णय।पर राजीतिक पार्टियों का यह देश इसे स्वीकारेगा? मुझे विश्वाश है स्वीकारना असम्भव ही होगा ।
पर उपाध्याय का विचार नया व स्वागतयोग्य है ।बताते है आखिर सुप्रीमकोर्ट के भी हाथ पांव संसद ने वाध दिए हैं।नोटा की व्यवस्था इसबात केI प्रयिक है कि उपरोक्त प्रत्याशियो में मतदाता की कोई रुचि नही है।