मिक्सोपैथी के खिलाफ असहयोग आंदोलन




जौनपुर,उत्तरप्रदेश,12 दिसम्बर 20
 मिक्सोपैथी की नीति के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन  पूर्ण रूप से असहयोग आंदोलन कर रहा है और शुक्रवार को प्रातः 6 बजे से 6ः30 तक सभी प्रकार की नान कोविड-19, नान इमरजेंसी सेवाओं को बाधित किया गया है। इस संबंध में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री भारत सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा गया है। जिसमें कहा गया कि
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि किसी भी दशा में मिक्सोपैथी को लागू न किया जाए एवं हर पद्धति को स्वतंत्र रूप से पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए।कहा कि भारत वर्ष में 95ः रोगी आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा इलाज कराते हैं। सभी प्रकार की सघन चिकित्सा सेवाएं तथा आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं आधुनिक चिकित्सा पद्धति द्वारा संपादित होती हैं। केंद्रीय भारतीय चिकित्सा काउंसिल ने हाल में एक नोटिफिकेशन जारी किया है कि आयुर्वेदिक विधा से चिकित्सा करने वालों को 58 प्रकार की शल्य चिकित्सा करने दिया जाएगा। यह एक प्रकार की मिक्सोपैथी है। एलोपैथी अथवा आधुनिक चिकित्सा पद्धति के तरीके को आयुर्वेदिक विधा में मिलाया जा रहा है।
 इस नोटिफिकेशन को भारत सरकार का भी समर्थन है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का विचार है कि सभी प्रकार की पद्धतियों को स्वतंत्र रूप से पूर्व वैज्ञानिक तरीके से विकसित करना चाहिए किंतु इस प्रकार के मिक्सोपैथी का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन पूरी शक्ति से विरोध करती है। मिक्सोपैथी के कारण हमारे चिकित्सकों की गुणवत्ता काफी कम हो जाएगी तथा चिकित्सा स्तर में काफी गिरावट आएगी। आज भारतवर्ष में चिकित्सकों की गुणवत्ता के कारण देश-विदेश से काफी संख्या में मरीज इलाज कराने आते हैं। भारतीय चिकित्सकों की विदेशों में एक अच्छी छवि है। गुणवत्ता कम होने से विदेशों से मरीज इलाज कराने के लिए भारत नहीं आएंगे। ज्ञापन पर अध्यक्ष एनके सिंह व सचिव डा0 एए जाफरी का हस्ताक्षर है।

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