उत्तरप्रदेश में जाति सूचक शब्द लिखे वाहन नहीं चल सकेंगे!

 बस्ती

अब उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े वाहनों पर, जाति सूचक ,शब्द लिखना अपराध माना जाएगा प्रधानमंत्री कार्यालय से आए निर्देश के अनुसार जातिसूचक लिखे गए वाहनों को परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया है कि ऐसे वाहन सीज कर दिए जाए ।इसके पीछे महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु का लिखा पत्र है जिसमें उन्होंने यूपी में दौड़ते जातिवादी वाहनों का सामाजिक ताने-बाने को खतरा बताया था ।यूपी में कार बाइक ,बस ,ट्रक ही नहीं ट्रेक्टर, रिक्शा पर यादवआदि लिखा हुआ मिल जाता है।

 मुंबई कल्याण के शिक्षकों ने पीएम मोदी से आईजीआरएस शिकायत की थी । शिकायत के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त ने ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है। लखनऊ की आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह ने लखनऊ उन्नाव हरदोई सीतापुर लखीमपुर रायबरेली में चेकिंग दलों को निर्देश दिया है कि पहाड़ों पर जातिसूचक शब्द लिखने पर धारा 177 के चालान या पाबंद करने की कार्यवाही करें बताते हैं कि लखनऊ में 2 व चार पहिया वाहनों की संख्या लगभग 25 लाख के करीब है। आरटीओ चेकिंग के दौरान चेकिंग दल से 1 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है कुल मिलाकर के पूरे प्रदेश में इस तरह के बाहन आपको मिल जाएंगे। देवरिया से लेकर के सहारनपुर तक गाजियाबाद से लेकर के पीलीभीत तक सर्वत्र जातिवादी शब्दों का बोलबाला मिल जाएगा इसमें छोटे बड़े सारे लोग कोई गुर्जर कोई राजपूत कोई, कोई तिवारी कोई सिंह चौधरी,पटेल भी से कोई वैश्य इस तरह से लिख करके भारतीय संस्कृति के ताने-बाने को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है । प्रधानमंत्री का यह कदम स्वागत योग्य है जिन्होंने पहल करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया है इस तरह के आपत्तिजनक शब्दों वाले वाहनों पर कार्यवाही की जाए।

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