बस्ती, उत्तरप्रदेश
शिव सेना का चाल चरित्र और चेहरा अब सत्ताकामी का स्पष्ट दिख रहा है.बाल ठाकरे की आत्मा यदि कहीं होगी तो उसकी मानसिक पीड़ा का आकलन आज उनकी जायज,नाजायज सनताने कर रही हैं।आज शिवसेना "अजान प्रति योगिता तक कि पहल आखिर मुगलों की स्मृति ताजा कर रहा है।
अब देखना है इस पर शिव सेना की क्या राय होती है।वैसे उनका मुखपत्र सामना अपनी राग अलापने लगा है ।अजान प्रतियोगिता का दिवा स्वप्न की तरह है।पर क्या पता सरकार की शह पर ही अजान प्रयियोगिता की बात आरही हो।
दुर्भाग्यपूर्ण देश द्रोह व सांस्कृतिक आक्रमण को खुला आमन्त्रण है,सरकार यदि अंकुश नही लगती तो मनाजायेगा।
पर इतना तो सत्य है अगर इस मानसिकता पर पूर्ण विराम नही लगा तो वोटों के सौदागर न जाने क्या क्या कर डाले।