बस्ती ,उत्तरप्रदेश,20
बाम दलों ने किसान आन्दोलन को समर्थन देते हुये शुक्रवार को जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को 9 सूत्रीय ज्ञापन भेजा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव का. रामगढी चौधरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला सचिव का. अशर्फी लाल और सीपीआईएमएल संयोजक रामलौट के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपते हुये बाम दलों ने मांग किया कि किसान विरोधी काले कानूनों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाय।
हाथों में लाल झण्डा लिये जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे नेताओं, कार्यकर्ताओं ने मांग किया कि सरकार किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों का दमन बन्द करे और उनकी आवाजों को सुनने के साथ ही समस्याओं का हल ढूढा जाय।
राष्ट्रपति को भेजे 9 सूत्रीय ज्ञापन में एमसीपी से कम दाम पर खरीद को अपराध घोषित करते हुये स्वामीनाथ आयोग की अनुशंसा के आधार पर सीटू फार्मूले के तहत फसल का डेढ गुना दाम दिये जाने, सरकार पराली की खरीद करे, पराली के नाम पर किसानों से जुर्माना वसूली व जेल की सजा न दिये जाने, किसानों का पुलिसिया उत्पीड़न बंद कर सभी प्रकार के बिद्युत बिल माफ किये जाने, स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण बंद किये जाने, सार्वजनिक, सरकारी, अर्धसरकारी उपक्रमांें को निजी क्षेत्र में सौंपना बंद कर खाली पदों पर नियुक्तियां करने, मनरेगा मजदूरों के कार्य दिवस और मजदूरों में बढोत्तरी किये जाने, लॉक डाउन के अवधि की सभी प्रकार के स्कूलों, कालेजों में फीस न वसूले जाने, सभी व्यक्तियों को दिसम्बर माह तक 10 किलो राशन प्रति व्यक्ति निःशुल्क दिये जाने, सभी गैर आयकरदाता परिवारों को सात हजार पांच सौं रूपया प्रति माह दिये जाने, सभी बीमार बंद चीनी मिलों को चलाकर गन्ने का बकाया भुगतान दिये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में सीटू नेता का. के.के. तिवारी, खेमयू के वीरेन्द्र प्रताप मिश्र, किसान नेता गंगाराम सोनकर, राम सुरेमन, शिवचरन निषाद, वंदना चौधरी, कृष्ण मुरारी यादव, प्रेमचन्द्र चौधरी आदि शामिल रहे।
हाथों में लाल झण्डा लिये जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे नेताओं, कार्यकर्ताओं ने मांग किया कि सरकार किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों का दमन बन्द करे और उनकी आवाजों को सुनने के साथ ही समस्याओं का हल ढूढा जाय।
राष्ट्रपति को भेजे 9 सूत्रीय ज्ञापन में एमसीपी से कम दाम पर खरीद को अपराध घोषित करते हुये स्वामीनाथ आयोग की अनुशंसा के आधार पर सीटू फार्मूले के तहत फसल का डेढ गुना दाम दिये जाने, सरकार पराली की खरीद करे, पराली के नाम पर किसानों से जुर्माना वसूली व जेल की सजा न दिये जाने, किसानों का पुलिसिया उत्पीड़न बंद कर सभी प्रकार के बिद्युत बिल माफ किये जाने, स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं का शोषण बंद किये जाने, सार्वजनिक, सरकारी, अर्धसरकारी उपक्रमांें को निजी क्षेत्र में सौंपना बंद कर खाली पदों पर नियुक्तियां करने, मनरेगा मजदूरों के कार्य दिवस और मजदूरों में बढोत्तरी किये जाने, लॉक डाउन के अवधि की सभी प्रकार के स्कूलों, कालेजों में फीस न वसूले जाने, सभी व्यक्तियों को दिसम्बर माह तक 10 किलो राशन प्रति व्यक्ति निःशुल्क दिये जाने, सभी गैर आयकरदाता परिवारों को सात हजार पांच सौं रूपया प्रति माह दिये जाने, सभी बीमार बंद चीनी मिलों को चलाकर गन्ने का बकाया भुगतान दिये जाने आदि की मांग शामिल है।
ज्ञापन सौंपने वालों में सीटू नेता का. के.के. तिवारी, खेमयू के वीरेन्द्र प्रताप मिश्र, किसान नेता गंगाराम सोनकर, राम सुरेमन, शिवचरन निषाद, वंदना चौधरी, कृष्ण मुरारी यादव, प्रेमचन्द्र चौधरी आदि शामिल रहे।