गोरखपुर मण्डल के 44 सिपाही/दरोगा जबरन रिटायर

 

गोरखपुर,उत्तरप्रदेश,6 दिसम्बर,20,यूपी पुलिस में अब कठोर निर्णय का समय है,आज गोरखपुर मण्डल के

दागी थे, सेवा के दौरान विभागीय सजा पाए थे। सामाजिक ख्याति अच्छी नहीं थी। शारीरिक दक्षता भी ठीक नहीं थी। ऊपर से 50 की उम्र पार कर गए थे। गोरखपुर मंडल में ऐसे 44 पुलिसकर्मियों को जबरिया सेवानिवृत्ति दे दी गई। गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जिले के इन पुलिसकर्मियों को इन जिलों के पुलिस अधिकारियों ने आदेश की प्रति थमा दी है। जबरिया सेवानिवृत्त किए गए इन पुलिसकर्मियों को 3-3 माह का वेतन दिया जाएगा और इनके सभी देयों का भी भुगतान कर दिया जाएगा।

दरोगाओं और हेड कांस्टेबलों-कांस्टेबलों का नियुक्ति प्राधिकारी जिलों में तैनात आला पुलिस अधिकारी ही होते हैं। गोरखपुर के एसएसपी तथा अन्य तीनों जिलों में तैनात एसपी ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए 44 पुलिसकर्मियों को जबरिया सेवानिवृत्त कर दिया है। जिन दरोगाओं, जिन हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों को जबरिया सेवानिवृत्ति दी गई है, वे सभी 50 की उम्र पार कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन सभी के खिलाफ पहले भी विभागीय कार्रवाई की गई है। इनमें से कुछ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुछ शारीरिक रूप से असहाय हो गए हैं तो कुछ के खिलाफ 3 या इससे अधिक बैड इंट्री लगी है। पुलिस अधिकारियों ने जबरिया सेवानिवृत्ति देते हुए पुलिसकर्मियों को आदेश की कॉपी थमा दी है। 

आदेश में दिया है यह निर्देश

पुलिस अधिकारियों ने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि आरक्षी नागरिक पुलिस, दरोगा, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल को लोकहित में आदेश दिया जा रहा है कि इस आदेश के बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस आदेश के बाद तीन माह तक का वह उसी दर पर अपने वेतन और भत्तों के हकदार होंगे जिस स्थिति में उनको सेवानिवृत्त किया जा रहा है। अलग-अलग बना है आदेश : गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज के पुलिस अधिकारियों द्वारा जिन पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्ति दी गई है उन सभी के लिए अलग-अलग आदेश पत्र जारी किए गए हैं। आदेश की प्रति अपर पुलिस अधीक्षकों, यातायात, लाइन और सीओ लाइन तथा आरआई को भेज दी गई है।

पुलिस कार्यालय में दूसरे दिन होती रही चर्चाएं
पुलिस अधिकारियों द्वारा मंडल में 44 पुलिसकर्मियों को जबरिया सेवानिवृत्त कर दिए जाने के फैसले को लेकर गोरखपुर पुलिस कार्यालय में शनिवार को दूसरे दिन भी चर्चाएं होती रहीं। पुलिसकर्मी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि कब किस पर गाज गिर जाए, कोई भरोसा नहीं है


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