अयोध्या, भारत,19 दिसम्बर 20
अयोध्या में भव्य राम की पैड़ी की तर्ज पर मनमोहक सीता झील बनेगी। यहां पार्क बनाने की योजना भी है। सरयू किनारे यह झील चार किमी. लंबी व 500 मीटर चौड़ी होगी। इसमें राम की पैड़ी की तर्ज पर सरयू नदी से जोड़कर अविरल धारा का प्रवाह सुनिश्चित करने की योजना है। नगर निगम ने अवैध कब्जे व पट चुकी सीता झील को आकार देने के साथ वहां डंप पड़े कूड़े आदि की सफाई के लिए निजी कंपनियों से कार्ययोजना मांगी है। इसमें हिस्सा लेने वाली कंपनियों की कार्यकुशलता को लेकर गुरुवार को टेक्निकल विड खोली गई है।
अब इन्हीं कंपनियों में से जिसकी ओर से कम लागत पर भव्य योजना सामने आएगी, उसी को सीता झील बनाने का काम दिया जाएगा। इसके पहले डंप कूड़े व गंदगी को ट्रीटमेंट कर उपयोगी बनाने का योजना भी है।
अयोध्या में शासन की मंशा के अनुरूप सरयू के किनारे सीता झील प्रस्तावित है। इसकी प्रस्तावित लंबाई 4 किमी व चौड़ाई 500 मीटर है। यह 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर अफीम कोठी से लेकर राजघाट तक बनाई जानी है। इसका कुल क्षेत्रफल 200 हेक्टेयर है। योजना है कि सरयू नदी की अविरल धारा को इसमें जोड़ा जाए, ताकि यह रामनगरी के पश्चिमी हिस्से में भी राम की पैड़ी की तर्ज पर विकसित की जाएगी। इसके कार्ययोजना के लिए लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व पूर्वोत्तर नदी एवं जलाशय अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष डीपी सिंह ने सीता झील का निरीक्षण किया था। उन्होंने सिंचाई, नजूल की भूमि पर अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए थे। साथ ही नगर निगम को कूड़ा डंप किए जाने पर खरी-खरी सुनाई थी। उन्होंने नगर निमग को अविलंब कूड़ा हटाने के निर्देश और न हटाए जाने पर पांच लाख रूपए का जुुर्माना लगाए जाने के निर्देश दिए थे।
उनके जाने के बाद सिंचाई, तहसील प्रशासन समेत अयोध्या विकास प्राधिकरण सक्रिय हुआ। यहां हो रही अवैध प्लाटिंग को रोका गया। साथ ही अवैध बने भवनों को नोटिस दिया गया।
अब नगर निगम ने झील को साफ कराने के लिए कमर कस ली है। नगर निगम ने सफाई कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किया है। गुरूवार को झील के अगल-बगल पहाड़नुमा कूड़ों को हटाए जाने व झील की सफाई किए जाने के टेक्निकल सेशन का टेंडर खुला है। इसमें देर शाम तक निजी कंपनियों की ओर से अपने-अपने तरीके से झील की सफाई करने के प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसमें नगर निगम की ओर से कूड़ों व गंदगी को साफ करने के साथ ट्रीटमेंट कर विभिन्न उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित किए जाने की बात कही है। टेक्निकल कार्यों पर चर्चा होने के बाद पूरी झील की सफाई व कूड़ा उठाने के प्रस्ताव के मंजूरी के बाद लागत का टेंडर खोला जाएगा।