तो वहीं, सूचना पर पहुंची खाद्य सुरक्षा टीम ने पकडे गए घी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए है। थाना प्रभारी खंदौली अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया कि मौहल्ला व्यापारियन में चर्बी से घी बनाने की फैक्ट्री की सूचना मिली थी। इसी फैक्ट्री के बराबर वाले बाडे में अवैध बूचड़ खाना चलाया जा रहा है। इस पर पुलिस ने फोर्स के साथ फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की। पुलिस कार्रवाई से फैक्ट्री में और बूचड़ खाने के बाडे में भगदड़ मच गई।
बूचड़ खाने चलाने वाले मौके से भाग निकले जबकि पुलिस ने नकली घी की फैक्ट्री से घी बनाते चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मौके से फैक्ट्री में हड्डियां, जानवरो की चर्बी और भैसो के पैरों के खुर भारी मात्रा में बरामद किए हैं। पुलिस ने मौके से तैयार किया गया चार कनस्तर में साठ किलो घी, एक कनेस्टर डालडा घी और चूल्हे पर पकता घी बरामद किया है। मौके से चार लोग फैक्ट्री मालिक चांद बाबू, शेफी, इरशाद और ताहिर पुत्र निवासी मुहल्ला व्यापारियन को गिरफ़्तार किया है। वहीं कटटीखाना चला रहे शल्लो पुत्र स्वालीन और शोहिल पुत्र स्वालीन फरार हो गए।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
एसओ खंदौली अरविंद सिंह निर्वाल के मुताबिक, खाद सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण की तहरीर पर गिरफ्तार आरोपितों सहित छह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण (धारा 272, 273) और असुरक्षित या संदूषित या अवमानक खाद्य (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
आसपास के जिलों में करते थे सप्लाई
पुलिस गिरफ्त में आए फैक्ट्री मालिक चांदबाबू ने बताया कि वे जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर उबालकर इसमें तय मात्रा में वनस्पति और रिफाइंड मिला देते हैं। एसेंस (खुशबू) की मिलावट के बाद यह हूबहू असली घी लगता है। बताया कि लंबे समय से वो नकली घी तैयार कर आसपास के जनपदों में सप्लाई किया जा रहा था। आरोपित चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है। जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपए प्रति किलोग्राम बेचता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।