नई दिल्ली, 11 दिसम्बर ।इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) का दो दिवसीय 30 वां अन्तराष्ट्रीय आभासी (वर्चुअल) कॉन्क्लेव का उद्धघाटन मुख्य अतिथि महाराष्ट्र और गोवा के म राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशयारी ने शुक्रवार को किया।
आईआईएसएसएम के आभासी (वर्चुअल) 30वें कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशयारी ने आई.आई.एस.एस.एम के अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष सहित इस उद्योग से जुड़े 650 प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम कोविड-19 काल में है। यह धीरे-धीरे खत्म हो जायेगा, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और सेफ्टी कभी नहीं खत्म होगी। देश के दूर-दराज और विदेशों में निजी सुरक्षाकर्मी दिखाई देते हैं, लेकिन उसको वैश्विक पहचान मेरे मित्र और राज्यसभा के पूर्व सदस्य श्री आरके सिन्हा के नेतृत्व में बहुत ही संगठित और व्यवस्थित ढंग से दिया गया।
राज्यपाल श्री भगत सिंह कोशयारी ने कहा कि सुरक्षा और सेफ्टी के क्षेत्र में आईआईएसएसएम वैज्ञानिक तरीके से काम कर रही है। इसका लाभ पूरे देश को ही नहीं, अपितु वैश्विक दुनिया को भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बहुत सारे चैलेंज हमारे सामने आए है, तो अपरच्यूनिटी भी आई है। कोविड-19 काल में पीपीई कीट और बहुत साऱे उपकरण जो हम विदेशों से मांगा रहे थे, वह अब देश में ही बन रहा है, और इसका निर्यात भी हो रहा है। यह सब संभव हो सका हमारे केंद्रीय नेतृत्व की क्षमता से, जिससे हम सुरक्षित है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण हमारी समस्याओं का समाधान होता रहा है और आगे भी होगा
राज्यपाल श्री कोशयारी ने कहा कि आप सभी अनुभवी लोग है। जीवन का अनुभव है, जिसका लाभ इस इंडस्ट्री को मिल रहा है। आज जो कॉन्क्लेव है उसमें आगे आने वाली चुनौतियों पर आप सभी विचार करेंगे। नीचे स्तर तक यह आपका चिंतन पहुंचना चाहिए, छोटे-छोटे एजेंसी भी इसे अपनाये। राज्यपाल ने कहा कि आरके सिन्हा जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। उनके निरंतर प्रयास से कोरोना काल में भी समाज अपने को सुरक्षित महसूस कर रहा है। पूरे विश्व में आपका संगठन नम्बर वन बने मैं यही कामना करता हूं। सिन्हा साहब का यह प्रेम है, जो मैं आज आपके साथ शामिल हूं। महाराष्ट्र में इसका लाभ मिले मैं यह कोशिश करूंगा।
इस मौके पर आई.आई.एस.एस.एम के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य श्री आरके सिन्हा ने कहा कि यह समस्या थी कि हम 30वां कॉन्क्लेव कहां करें? माहौल कोरोना का है, इसलिए हमने इसे डिजिटल करने का निर्णय लिया। वर्ष 1991 से शुरु हुई यह यात्रा अनवरत चल रही है। आज व्यवसाय और उद्योग को साइबर खतरों से ज्यादा खतरा शारीरिक सुरक्षा का है। अंतिम बिंदु सुरक्षा और डेटा लॉस प्रिवेंशन की जरूरत बन गई है। हालांकि हम सुरक्षा उपाय कर रहे हैं, लेकिन कोविड काल में इन सभी खतरों सहित पुनरुद्धार के लिए व्यापार का माहौल बनाना ही पहली प्राथमिकता है। हम सभी को सही जानकारी की आवश्यकता है। मैं आश्वस्त हूं, कि सुरक्षा के क्षेत्रों में नवीन विचार, सुरक्षा और हानि की रोकथाम से ये समस्याएं दूर होगी। आज हम बदलाव के दौर में हैं और कई चुनौतियां हैं, जिनसे हमें निपटना है। उन्होंने (आरके सिन्हा) ने कोविड काल के खतरे से आगाह किया और सुरक्षा पेशेवरों को नई चुनौतियों की आवश्यकताओं के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों को जल्द ही सबसे अधिक पेशेवर तरीके से जूझने की जरूरत है।
कार्यक्रम के पहले दिन झारखंड की राज्यपाल श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने अपने बधाई संदेश में कहा कि कोरोना काल से पूर्व और वर्तमान समय में जिस तन्मयता और निष्ठावान तरीके से आईआईएसएसएम के पेशवरों ने अपना काम किया वह सराहनीय है। मैं अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं कि संगठन नित नए प्रयोग और तकनीकि की मदद से इसी तरह देश सहित विदेशों में अपना काम बाखूबी करे। “जय हिन्द”
इसके पूर्व आभासी कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि सहित सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आई.आई.एस.एस.एम के अध्यक्ष और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी एसके शर्मा ने कहा कि कोविड-19 काल में हम सभी ने बेहतरीन काम किया है। दूसरे इंडस्ट्री के मुकाबले सिक्यूरटी एजेंसी बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है। इस क्षेत्र में नए-नए प्रयोग की मदद से इंडस्ट्री अपने नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। निजी सुरक्षा एजेंसी ने सरकार के गाइडलाइन्स का पालन करते हुए कोरोना काल में बेहतर तरीके से काम किया है। सबका आभार करता हूं। लेकिन आगे और चुनौतियां आयेंगी। जैसा कहा जाता है कि असाधारण चुनौतियों को असाधारण निवारण की जरूरत होती है। कोरोना काल के बाद हमें इस चुनौतियों से निपटना पड़ेगा। इसके लिए समाधान खोजना और इससे संबधित पेशेवर तैयार करना और व्यवसायों की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करना ही हमारा लक्ष्य है।
सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और महानिदेशक श्री राजन पी. मेधेकर ने इस मौके उद्योमियों और सरकार से अपील की कि वे पूरे देश में कोरोना काल की परिस्थियों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकारों और निजी क्षेत्र से हाथ मिलाएं। उन्होंने कहा कि आई.आई.एस.एस.एम केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सबसे अच्छे संगठन बने इस क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2019 के कॉन्क्लेव का उल्लेख करते हुए कहा कि लगभग 700 प्रतिभागियों ने इसमें हिस्सा लिया था। सुरक्षा उद्योग के क्षेत्र में यह सबसे सर्टिफाइड संगठन है।हम लोगों को स्कील कर उन्हें इस क्षेत्र में फिट बनाते हैं। आपके सलाह, आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद करता हूं।
पहले सत्र में कोविड-19 काल के दौरान व्यवसाय का प्रबंधन: सुरक्षा और सुरक्षा सेवाओं के बदलते प्रतिमान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आईपीएस के सेवानिवृत अधिकारी जो भारतीय ख़ुफ़िया ब्यूरो के निदेशक भी रहे हैं श्री डीसी पाठक ने कहा कि भारत को कोरोना वायरस ने काफी प्रभावित किया है। खासकर व्यापारिक दुनिया को इसकी वजह से खासा नुकसान हुआ है। वर्तमान वैश्विक महामारी के काल में संगठन (आईआईएसएसएम) के सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन टीमों को पहले से अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पैनल चर्चा में शंकर सुब्रमण्यन (मॉडरेटर),कर्नल डॉ. बिपिन पांडे,मेजर पॉल देवसी, जेफ्री आस्क्यू और सुहास म्हसकर कहा कि तकनीकि हमारे लिए चैलेंज है,डेटा सिक्यूरिटी चैलेंज, संस्थान इस पर काम रहा है। ग्राहकों के व्यावहार में बदलाव आया है। हमें कार्यस्थलों पर अपने कार्य बल को सटीक तकनीकि से लैस होकर अपने ग्राहकों की समस्या का समाधान करना होगा। साथ ही रिमोट क्षेत्र में भी अपने व्यावसाय को स्थायित्व देने के लिए तकनीकि का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर इस क्षेत्र में अपने को स्थापित करना होगा।
दूसरा सत्र डॉ. विक्रम सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और वर्तमान में नोयडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर के संबोधन से शुरू हुआ। शिक्षा, स्वास्थ्य और संबद्ध सेवाओं में चुनौतियां और अवसर पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
तदोपरांत दूसरे सत्र के पैनल में पैनल डिस्कशन में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सहायक सेवाओं में सुरक्षा के मुद्दे को लेकर प्रो अजीत के पांडे (मॉडरेटर), डॉ.गीताकृष्णन रामादुराई, डॉ. राजीव गेरा, क्रिस पिल्ले के और प्रो.डैनियल गेस ने चर्चा की।