गोरखपुर,उत्तरप्रदेश
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रपत्र के अनुपालन में एवं म जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में आज विधिक सहायता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में दीवानी न्यायालय स्थित मीडियेशन हाल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अधिवक्तागण, कर्मचारीगण व वादकारीगण उपस्थित रहे। गोष्ठी में बच्चें, बुजुर्गो के विधिक अधिकारों, महिलाओं के प्रति आये दिन हो रहे हिंसाओं का सामना करने के लिए महिलाओं को उनके अधिकारों व कानूनी प्राविधानों के बारे में विस्तार से बताया गया।
इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि किस प्रकार हम महिलाओं के प्रति हो रहे हिंसाओं से स्वयं व दूसरों को भी जागरूक कर सकते है तथा ऐसी महिलायें जो अपने घर से बाहर निकल कर अपनी समस्याओं को बया करने में असमर्थ है व पुलिस विभाग की तरफ से जारी हेल्प लाइन नम्बर 181, 112, व 1090 व वन स्टाप सेन्टर के माध्यम से अपनी समस्यायें बता सकती है और दूसरी अन्य महिलाओं की भी सहायता कर सकती है। सचिव द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना, विधिक साक्षरता फैलाना, अपराध पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा दिलाना आदि है।
किसी भी महिला, बच्चे, अनुसूचित जनजाति के सदस्य, विकलांग, जेल में निरूद्ध कैदी व अन्य पीड़ित व्यक्तियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करायी जाती है। निःशुल्क कानूनी सेवायें सभी दीवानी, फौजदारी आदि मुकदमों के लिए की जाती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पीड़ित व्यक्तियों व आमजनों के कानूनी अधिकारों के संरक्षण के लिए सदैव प्रतिबद्ध है।
सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि 12 दिसम्बर 2020 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आपराधिक वाद, धारा 138 पराक्रम्य लिखित अधिनियम, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकांए, पारिवारिक वादों, श्रम वादों, भूमि अधिग्रहण वादों राजस्व वादों, विद्युत एवं जल बिल विवाद (चोरी से संबंधित विवादों सहित) अन्य सिविल वादों (किराया, सुखाधिकार, व्यादेश, विशिष्ट अनुतोष वाद) क साथ ही साथ अन्य वादों से संबंधित वादों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण किया जायेगा। उक्त जानकारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय ने दी है।