पशु विज्ञान औऱ खाद्य प्रसंसरण में अच्छे अवसर... कुलपति,कृषि विश्व विद्यालय

 


 


मिल्कीपुर, अयोध्या।


 


आचार्य  नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय द्वारा नाहेप परियोजना के अंतर्गत पशुचिकित्सा स्नातक एवं परास्नातक छात्रों हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कैरियर की संभावनाओं विषय पर कुलपति, डॉ. बिजेंद्र सिंह चीफ पैटर्न के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। डॉ. सिंह ने पशु चिकित्सा छात्रों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कैरियर चुनने हेतु प्रेरित किया तथा इस क्षेत्र में ऊंचाइया छूने की कामना की। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को सतत आयोजित करने हेतु निर्देशित किया। जिससे छात्रों को कैरियर के उचित अवसर प्राप्त हो सके। इस अवसर पर अधिष्ठाता पशु चिकित्सा पशुपालन महाविद्यालय डॉ. आरके जोशी ने महाविद्यालय द्वारा छात्रों हेतु आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी।


विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा नाहेप परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. डी. नियोगी ने नाहेप परियोजना के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य वक्ता नाहेप परियोजना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. आरबी शर्मा ने बताया की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में पशु चिकित्सा स्नातक और परास्नातक छात्रों का बहुत ही उज्जवल एवं उत्कृष्ट भविष्य है। खाद्य प्रसंस्करण में फल, सब्जियां, मसाले, दुग्ध, मांस, अंडा तथा मछली का उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रमुख है। खाद्य प्रसंस्करण मुख्यतया विदेशों में निर्यात किया जाता है।


छात्र देश एवं विदेश की विभिन्न कंपनियों तथा सरकारी संस्थानों एवं विभागों में रोजगार पा सकते हैं। वे खुद भी अपना प्रसंस्करण उद्योग प्रारंभ कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं। पशु जन स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. नमिता जोशी ने प्रतिभागियों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कैरियर चुनने हेतु छात्रों को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सत्यव्रत सिंह ने किया।


विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजक सचिव डॉ. विजय कुमार सिंह, डॉ. रूमा देवी, सह सचिव डॉ. अमित सिंह, डॉ. देश दीपक सिंह तथा संयुक्त सचिव डॉ. सोनू जयसवाल, डॉ. जसवंत सिंह, डॉ. रमाकांत, डॉ. सचिन गौतम, डॉ. ऋषिकांत, डॉ. राजेश कुमार वर्मा ने अहम योगदान दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. जितेंद्र प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


 


 


 


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