ममता का कहना मैं सही शक्तिपीठ प्रबन्धन दोषी !

 


बस्ती 08 नवम्बर,,उत्तरप्रदेश


ममता शुक्ला गायत्री शक्ति पीठ पर वर्चस्व की लड़ाई काफी दिनों से लड़ रही हैं।जब उनकी इच्छा पर उनके ही यहाँ काम करने वाले शक्तिपीठ के अंदर चाय केंटीन चला रहे कृष्णा  को स्वास्थ्य टीम ने सम्पुलिग में कोरोना पॉजिटिव पाकर कोरन्टीन करदिया और शक्तिपीठ प्रबंधन से खाद्य सामग्री फेकवाकर दुकान सेनेटाइज्ड करने का निर्देश दिया और प्रबंधन ने पालन किया इसमें प्रबन्धन को आरोपित कर वातावरण खराब करने का दायित्व ममता ने लेलिया।मन्दिर प्रबन्धन तो प्रशासन के निर्देश का पालन कर  रहा है।ममता को आभाषी खतरे का अहसास होरहै है इसीलिए वे अर्थ का अनर्थ कर रही हैंऐसा ट्रष्ट के सदस्य राम प्रसाद त्रिपाठी का कहना है।उनका यह भी कहना है सारे आरोप असत्य पर अवलम्बित है।



 


परन्तु ममता का कहना है कि उनका पक्ष सही और न्याय संगत है,इसी बात पर उन्होंने पत्रकारोके समक्ष व्यक्त किये।


मेरे परदादा पण्डित कमला प्रसाद शुक्ल ने गायत्री मंदिर के लिये जमीन दान दिया था। इसमे गरीब युवा कृष्णा को एक कमरे में कैंटीन चलाने की अजाजत दी गयी थी। कृष्णा बेहद गरीब युवा है जिसकी परवरिश मेरे परिवार ने की। मन्दिर के मुख्य पुजारी रामप्र्रसाद तिवारी व उनके सहयोगियों ने पिछले दिनों साजिश के तहत कृष्णा को कोरेनटीन कराकर कैंटीन का ताला तोड़कर सामान जब्त कर लिया। यह बातें राष्ट्रीय लोकदल की प्रदेश अध्यक्ष एवं कोतवाली थाना क्षेत्र की जामडीह (चननी) निवासी ममता शुक्ला ने कहीं।


 


वे अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रही थीं। उन्होने कहा मैने मन्दिर पहुंचकर बगैर किसी पूर्व सूचना के कैंटीन का ताला तोडने का कारण और सामान के बारे में पूछा तो मेरे साथ अभ्रदता की गयी। पुजारी रामप्रसाद तिवारी के बेटे ने अपमानजनक व्यवहार करते हुये धक्का दिया और कपड़े फाड़ दिये, भद्दी गालियां और तेजाब फेंकने की धमकी देते हुये कहा सामान नही मिलेगा जाओ जो करना हो कर लो, और ताला एसडीएम साहब की इजाजत से तोड़ा गया है। घटना के बाद वे कोतवाली पहुंची और महिला हेल्प डेस्क बैठी पुलिसकर्मी को पूरा मामला बताया। कहा गया साहब नही हैं बाद में आइये। ममता का कहना है उन्होने मामले से जिलाधिकारी को भी अवगत कराया, उन्होने कहा आपके साथ गलत नही होने पायेगा, जांच कराकर कार्यवाही करायेंगे।


 


ममता शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना देकर न्याय की गुहार लगाया है। घटना 4 नवम्बर की है। कृष्णा की पत्नी बीना ने भी कोतवाली में तहरीर देकर 12 वर्षों से संचालित कैंटीन का अवैध तरीके से बगैर किसी पूर्व सूचना के कैंटीन का ताला तोड़ने और सामान हड़प लेने के मामले में िस दर्ज कार्यवाही की मांग किया था। लेकिन कोतवाली पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुये मन्दिर के मुख्य पुजारी राम प्रसाद त्रिपाठी की तहरीर पर बगैर किसी जांप पड़ताल के ममता शुक्ला के खिलाफ धारा 147,352, 504,506 के तहत केस दर्ज कर लिया। मन्दिर में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ममता शुक्ला के साथ कृष्णा की पत्नी बीना भी थी।


 


कोतवाली पुलिस ने एक पक्ष से प्रभावित होकर नियम कानून दांव पर रखकर रामप्रसाद तिवारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया और बेबस लाचार गरीब की पत्नी की तहरीर को कूड़े में डाल दिया। ममता शुक्ला ने कहा पुलिस ने इतना भी नही सोचा कि दो महिलायें मन्दिर पर पहुंचकर उतने सारे लोगों के बीच पुजारी पर हमला और मन्दिर में उनद्रव कैसे कर सकती है। उन्होने दावे के साथ कहा पुलिस साजिशकर्ताओं से मिली हुई है। ममता शुक्ला ने यह भी कहा कि कृष्णा कोरोना पाजिटिव हुआ तो अकेले कृष्णा की कैंटी में ताला क्यों बंद किया किया गया, वह तो कैंटीन के जरिये सभी को अपनी सेवायें देता था, फिर किसी और की जांच क्यों नही हुई, यहां तक कि जहां कृष्णा रहता है या उसकी पत्नी बच्चे किसी की जांच नही कराई गयी, अकेले कृष्णा को कोरेनटीन कर दिया गया। पूरे मामले को एक सिजश के तहत अंजाम दिया गया। ममता शुक्ला ने उच्चाधिकारियों से प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाकर सख्त कार्यवाही की मांग किया


 


 


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