मिल्कीपुर, अयोध्या।
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम मांझगांव में ढाई साल पहले पेड़ से गिरकर हुई एक गरीब दलित की मौत पर पीड़ित परिवार को अभीतक दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है।पीड़ित परिवार को लाभ न मिल पाने के पीछे का कारण परिवार का गरीबी से जुड़ा होना बताया जाता है। क्योंकि पीड़ित परिवार का आरोप है कि वह गांव के लेखपाल को खुश नहीं कर पाया। इसलिए उसकी दुर्घटना बीमा वाली फाइल सम्बंधित सीट तक ही नहीं पहुंचाई गई। इस मामले में मिल्कीपुर तहसीलदार अरविंद त्रिपाठी का कहना है कि मामला काफी पुराना है। प्रकरण की जांच करके जो दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बताया गया कि ग्राम मांझगांव के मजरे धेमा निवासी दलित भरथरी की वर्ष 2018 में एक जून को पेड़ से गिरकर मृत्यु हो गई थी। जिसका पोस्टमार्टम करवाकर दाह संस्कार व तेरहवीं संस्कार किया गया था। उसके बाद पीड़ित परिवार लगातार दुर्घटना बीमा के लिए संबंधित लेखपाल, कानूनगो व एसडीएम से लगातार फरियाद करते रहे।इस मामले में समाजसेवी राजन पाण्डेय पीड़ित परिवार की मदद के लिए आगे आये थे।उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी पत्र लिखकर परिवार को दुर्घटना बीमा का लाभ दिलाये जाने की माँग भी की थी।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि वह गरीब होने की वजह से राजस्व कर्मियों को सुविधा शुल्क नहीं दे पाया। इसलिए उसे ढाई साल में भी किसान दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं पा सका।पचास वर्षीय भरथरी की पत्नी बेहद बुजुर्ग हैं। उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। जिनको खाने के लाले हैं। यह दलित परिवार निहायत गरीब और लाचार है। लेकिन इसके बावजूद मिल्कीपुर तहसील के राजस्व कर्मियों को जरा भी तरस नहीं आया। वहीं समाजसेवी राजन पांडे ने भी बताया कि उनके द्वारा कई बार लेखपाल व अधिकारियों को इनकी यथा स्थिति से अवगत कराया गया। उसके बावजूद आज तक इनकी फाइल संबंधित लेखपाल द्वारा बना करके उच्च अधिकारियों को नहीं प्रेषित की गई। जिसका खामियाजा इस गरीब परिवार को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्च अधिकारियों और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोशल एकाउंट्स के जरिए भी को अवगत कराया गया है। उन्होंने इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस बारे में मांझगांव के लेखपाल रामसूरत ने बताया कि मैं इस गांव में नया आया हूं। मुझे इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। जब मैंने जानकारी की तो पता चला कि तत्कालीन लेखपाल को संबंधित लाभार्थी का कागज नहीं मिल पाया। इस वजह से उसे दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं दिया जा सका। हालांकि मिल्कीपुर तहसीलदार अरविंद त्रिपाठी इस मामले में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की बात कहते हैं।