पत्रकार को जिंदा जलाकर मार दिया जाता है भारत की पूरी मीडिया हाउस मौन जितेंद्र कुमार अखिल भारतीय मीडिया फाउंडेशन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष


बलरामपुर,30 नवंबर, उत्तरप्रदेश

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में खबर लिखने के दुस्साहस करने पर एक पत्रकार को जिंदा जला कर मार दिया गया देश के सारे पत्रकारों को कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि पत्रकार का मामला है अगर बीजेपी कांग्रेस सपा बसपा जैसे राजनीतिक पार्टियों का मामला होता है तो अब तक गला फाड़ने लग जाते मुझे समझ में नहीं आता कि पत्रकारों में एकता क्यों नहीं है वकीलों में एकता है पुलिस विभाग में एकता है जजों में एकता है आईएएस पीसीएस आईपीएस में एकता है  ।

लेकिन पत्रकारों में क्यों नहीं इसका सही कारण है लालच और तलवे चाटना पत्रकार कभी किसी पत्रकार के साथ खड़ा होने में छोटा महसूस करता है क्योंकि वह पहले से नेता मंत्री बड़े अधिकारियों का तलवे चाटते चला आया है अब बात मुद्दे की आज एक पत्रकार को जिंदा जला के मार दिया गया उस पत्रकार के बीवी बच्चे अनाथ हो गए हम उस पत्रकार के लिए सिर्फ और सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं ऐसा लगता है कि मानो कलम की ताकत खत्म हो गई आज इस पत्रकार की पारी है कल हमारे बीच में से किसी और को जिंदा जला दिया जाएगा या मौत के घाट उतार दिया जाएगा ।

 धीरे-धीरे करके पत्रकारिता सिमटी चली जाएगी वजूद खत्म हो जाएगा जिस तरह से अर्णव गोस्वामी के रिहाई के लिए अलग-अलग संगठनों ने आवाज बुलंद की थी आज वह आवाज कहां चली गई आपका यह भाई जिंदा जला दिया गया आप अगर संघर्ष नहीं कर सकते तो लिख सकते हो गोली नहीं चलाना है झगड़ा नहीं करना है लिखना है अपनी बात को रखना है शासन प्रशासन के सामने इतना अगर नहीं कर सकते तो आप पत्रकार नहीं वही तलवे चाटने वाला चाटुकार कहलाएंगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form