माकपा की टीम ने कैथवलिया गांव का दौरा कर पुलिस,प्रशासन पर उठाए गम्भीर सवाल !

बस्ती, उत्तरप्रदेश

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी बस्ती तथा  वकीलों के 07 सदस्यीय  संयुक्त प्रतिनिधि मंडल  ने  कलवारी थाना क्षेत्र के कैथवलिया गांव में दिनांक 17 नवम्बर को  पीड़िता के परिजनों से मुलाकात किया ,सारे घटनाक्रम की जानकारी लेने के साथ ही घटना स्थल का निरीक्षण किया।

           माकपा जिला सचिव कामरेड राम गढ़ी चौधरी के नेतृत्व में माकपा नेता कामरेड के के तिवारी,जिला कमेटी के साथी व भारत की जनवादी नौजवान सभा (जनौस) के पूर्व अध्यक्ष शेषमणि , जनौस के अध्यक्ष सिया राम सोनकर, किसान नेता सुरेंद्र मोहन शर्मा ,फूल चंद्र चौरसिया व एडवा की साथी वंदना चौधरी 17 नवम्बर 2020 को दिन में 12.30 बजे कैथवलिया गांव में पहुंचे।  पुलिस के कांस्टेबल पीड़िता के घर के निकट मुस्तैद दिखे। उनके द्वारा कोई अवरोध  नही किया गया जो कि सराहनीय है।
ज्ञात रहे कि कलवारी थाना क्षेत्र के इसी गांव में दलित खेतमज़दूर  राम सुमेर के परिवार की 22 वर्षीया लड़की दिनांक 10 नवम्बर 2020 की शाम से गायब हुई थी।दो दिन अपने रिश्तेदारियों में खोजबीन के बावजूद न मिलने पर लड़की की माँ और भाई ने कलवारी थाने पर सूचना दिया था ,तहरीर दर्ज करने व जांच के नाम पर रुपये मांगे जाने का भी आरोप चर्चा में था। फिलहाल पुलिस ने लापरवाही व उदासीनता बरती थी। चार दिन बाद लड़की की नंगी लाश आबादी से 80- 90 मीटर दूर खलिहान में पुआल से ढकी बरामद हुई थी। पुलिस ने दो दिन के भीतर ही  मुठभेड़ में एक युवक को गिरफ्तार कर लिया जो कि लड़की का हत्यारा बताया जा रहा है।
  परिवार के घर के बाहर पीड़िता के पिता ,मुहल्ले वाले करीब 8-10 लोग तथा छप्पर के नीचे पीड़िता की मां ,भाभी सहित आसपास की आधा दर्जन महिलाएं थी।
   उनसे बातचीत में निम्न अतिरिक्त सवाल उठाए गए जो कि निम्न है
1.  प्राथमिकी में दुराचार से संबंधित धाराएं नही लगाई गई। पीएम और अन्य जांच को कारण बताया गया। 
2. परिजनों व गांव के लोगो का कहना है 10 नवम्बर की रात्रि में लड़की के वापस न आने पर उसके पिता के मोबाइल (जो कि लड़की के ही पास था) कई बार फोन किया गया। फोन उठाया भी जाता रहा पर उधर से कोई आवाज़ नही आती थी। 
3. परिजनों व गांव वालों का कहना है कि लड़की शारीरिक रूप से कमजोर नही थी कि एक व्यक्ति उसकी हत्या कर सके ,हत्या में अन्य की संलिप्तता की आशंका जताई गई है।
4. पीड़िता के घर से करीब 80 -90 मीटर दूर लाश बरामद हुई थी ,जबकि गावँ के किनारे की आबादी के घर उस दिशा में खुले हुए है ,उनका कहना है अगर वहाँ  हत्या हो रही होती तो आवाजे जरूर सुनाई पड़ती,वह भी एक आदमी द्वारा संभव नही लगता। 
5. पुलिस द्वारा लाश बरामदगी स्थल को घटना स्थल माने जाने पर गांव वालों की असहमति है। बरामदगी किये स्थल से सटे गांव से पंगडंडी रखौना बाजार तक जाती है जिस पर आवागमन बना रहता है ,दीपावली के दिन भी पूरे दिन बरामदगी स्थल पर कोई शाल और चप्पल नही दिखाई दिया ,बल्कि उसी दिन गांव के ही व्यक्ति ने अपने लहसुन के खेत मे डालने के लिए दोपहर में  वहाँ से दो बोझ पुआल उठाया था तब भी न तो  लाश दिखी,न ही शाल ,चप्पल या दुर्गंध का पता चला।  
6. बरामदगी स्थल पर मिली नंगी लाश  के सर के बाल गायब थे । अगर घटना स्थल वही था तो परिजनों का कहना है कि लड़की के बाल  बड़े थे उनका घटना स्थल पर मिलना जरूरी था। बालो का कोई गुच्छा नही मिला।ऐसे में उनकी आशंका को बल मिलता है कि घटना स्थल कही और था। सड़ती हुई लाश दीपावली की रात में ला कर  पुआल में छिपाई गयी। 
7. पकड़े  गए अभियुक्त पर परिजनों और गांव वालों की  कोई आपत्ति नही  दिखी सिवा इसके  कि घटना में और लोग शामिल है। 
8. अभियुक्त के पकड़े जाने के बाद भी मृतिका के शरीर के अन्य अंतः वस्त्र और कपड़ो की बरामदगी न होना भी उसके परिजनों  द्वारा उठाया गया सवाल है।
9. लड़की के गायब होने के दिन से लेकर ,सूचना देने के बावजूद कलवारी पुलिस की लाश मिलने तक कि लापरवाही व उदासीनता से  परिजन व ग्राम वासी आहत है 
         मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व एडवा  उनके  द्वारा उठाये गए सवालो से सहमत है। ऐसे में माकपा व एडवा बस्ती  संयुक्त रूप से मांग करती है कि 
 1. सभी थानों को महिलाओ के प्रति अपराध को लेकर संवेदना और त्वरित कार्यवाही के लिए विशेष उपाय  किया जाय
   2. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी व अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) बस्ती इकाई पूरे प्रकरण को जनपद के बिगड़ती कानून व्यवस्था मानती है। और इसमें विशेष कर महिलाओ ,दलितों व अल्पसंख्यकों के प्रति बरती जा रही उपेक्षा का प्रतिरोध करती है तथा मृतिका के परिजनों को विधिक आर्थिक सहायता से अलग 25 लाख रुपये व सरकारी नौकरी  दिए जाने की मांग प्रदेश सरकार से करती है।
 
3. माकपा  एडवा मृतिका के परिवार व ग्रामवासियों के उठाये गए विन्दुओ पर अपेक्षा करती है कि निर्भया केस में माननीय उच्चतम न्यायालय के व्याख्या के अनुरूप विवेचना सम्पन्न हो। 
 4. माकपा अपेक्षा करती है कि लड़की के पिता के मोबाइल नंबर की सीडीआर को विवेचना के दायरे में लाया जाय । माकपा व एडवा आपसे अपेक्षा करती है इस बिंदु को विवेचना में शामिल किया जाय।
5. अन्य बिंदुओ पर गौर करते हुए उन्हें जांच के दायरे में लाया जाय । 
  विश्वास है  मृतिका के परिजनों,ग्राम वासियो तथा माकपा, एडवा के उठाये गए शंकाओं का उचित व विधिक रूप से निस्तारित किया जाएगा।

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