बस्ती, उत्तर प्रदेश 27 नवंबर 2020
आर्य समाज नई बाजार पुरानी बस्ती के तत्वावधान मे आयोजित वैदिक महोत्सव के द्वितीय दिवस का शुभारम्भ कोरोनारोधक वैदिक यज्ञ से हुआ। जिसमें रवि आर्य एवं श्रीमती शुभी आर्य मुख्य यजमान रहे। इस अवसर पर मुख्य यजमान को यज्ञोपवीत धारण कराते हुए ऋतुअनुकूल सामग्री के साथ वैदिक मंत्रों से आहुतियाँ दिलाई गईं। उसके पश्चात भजन प्रवचन के भक्ति धारा मे विदुषी रुक्मिणी आर्य ने सबको सराबोर कर दिया।
निज ओऽम नाम ईश्वर का, अरे ओ मन मेरे भजन के माध्यम से उन्होंने ईश्वर की नाम महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर का मूल नाम ओऽम है जिसे लोग विभिन्न नामों से जानते सुनते व पुकारते हैं। वेदामृत के इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आचार्य सुरेश जोशी जी सुख और सुविधा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुविधा जितना अधिक हम अपने इर्द-गिर्द रखेगे उतने ही हम दुखी रहते हैं जबकि सुख परमात्मा मे है।
सुविधा व्यक्ति को आलसी बनाती है। जबकि असुविधा युक्त व्यक्ति के पास सुख अधिक है क्योंकि वह सुविधा नहीं परमात्मा के भक्ति मे समय व्यतीत करता है। सुख इन्द्रियजन्य है, इन्द्रियों के माध्यम से ही आत्मा परमात्मा से साक्षात्कार करता है। अतः समस्त प्राणियों को सुविधा के पीछे नहीं अपितु परमात्मा भक्ति के पीछे समय व्यतीत करना चाहिए। आज हमारी स्थिति यह है जो हमे प्राप्त है उसका आनंद तो लेते नहीं, वरन जो प्राप्त नहीं है उसका चिन्तन करके जीवन को शोकमय कर लेते हैं। दुःख का मूल कारण हमारी आवश्कताएं नहीं हमारी इच्छाएं हैं। हमारी आवश्यकताएं तो कभी पूर्ण भी हो सकती हैं मगर इच्छाएं नहीं।
इच्छाएं कभी पूरी नहीं हो सकतीं। एक इच्छा पूरी होती है तभी दूसरी खड़ी हो जाती है आर्य समाज नई बाजार पुरानी बस्ती के प्रधान श्री ओमप्रकाश आर्य जी ने कहा कि आर्य समाज नई बाजार बस्ती वेद प्रचार के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को दूर कर समाज में योग व यज्ञ की परम्परा को पुनः स्थापित करना चाहता है जिसके लिए वैदिक पुरोहितों के माध्यम से घर-घर यज्ञ, हर घर यज्ञ का लक्ष्य पूरा करने में प्रयासरत है साथ ही समाज में सोलह संस्कारों की परम्परा कायम रखने के लिए भी जागरूकता करता रहता है। उन्होंने लोगों को वैदिक महोत्सव में परिवार सहित आकर वेदामृत का रसास्वादन करने के लिए आवाह्न किया ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आदित्य नारायण गिरि ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना नामक विषाणु से परेशान है सभी देश इसकी वैक्सीन बनाने के लिए पहले आने की होड़ में हैं पर हमारे ऋषियों ने सभी प्रकार के विषाणुओं को समाप्त करने के लिए योग व यज्ञ का व्यावहारिक ज्ञान दिया है जिसे अब धीरे धीरे सभी लोग स्वीकार कर रहे हैं। आर्य समाज बहुत पहले से इस बात को आम जनमानस को समझा रहा है कि वैदिक संस्कृति शाश्वत है और मानवमात्र के कल्याण के लिए है उसे अंततः स्वीकार करना ही पड़ेगा।
कार्यक्रम में देवव्रत आर्य,गरुणध्वज पाण्डेय ,दिनेश मौर्य, शिव श्याम, अरविंद श्रीवास्तव, राधा देवी, हरीराम आर्य, विजय कुमार अग्रवाल, अनूप त्रिपाठी, फूलमती, रामरती, राधेश्याम आर्य, रवि आर्य, शुभी आर्य, एकता गुप्ता, घनश्याम आर्य, आदि लोग उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आदित्य नारायण गिरि ने कहा कि आज पूरी दुनिया कोरोना नामक विषाणु से परेशान है सभी देश इसकी वैक्सीन बनाने के लिए पहले आने की होड़ में हैं पर हमारे ऋषियों ने सभी प्रकार के विषाणुओं को समाप्त करने के लिए योग व यज्ञ का व्यावहारिक ज्ञान दिया है जिसे अब धीरे धीरे सभी लोग स्वीकार कर रहे हैं। आर्य समाज बहुत पहले से इस बात को आम जनमानस को समझा रहा है कि वैदिक संस्कृति शाश्वत है और मानवमात्र के कल्याण के लिए है उसे अंततः स्वीकार करना ही पड़ेगा।
कार्यक्रम में देवव्रत आर्य,गरुणध्वज पाण्डेय ,दिनेश मौर्य, शिव श्याम, अरविंद श्रीवास्तव, राधा देवी, हरीराम आर्य, विजय कुमार अग्रवाल, अनूप त्रिपाठी, फूलमती, रामरती, राधेश्याम आर्य, रवि आर्य, शुभी आर्य, एकता गुप्ता, घनश्याम आर्य, आदि लोग उपस्थित रहे ।