श्रीवास्तव/लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल पूर्वी
उत्तर प्रदेश क्षेत्र स्तर की दो दिनी बैठक रविवार को प्रयागराज में शुरू
हुई।वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल गौहनिया में होने वाली इस बैठक में सरसंघचालक डॉ.
मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी समेत प्रमुख पदाधिकारी मौजूद हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंच गये हैं। प्रयागराज में हो रही
पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की इस बैठक में अवध, कानपुर, गोरक्ष व काशी प्रांत के
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के 31 सदस्य भाग ले रहे हैं। क्षेत्र प्रचार प्रमुख
नरेंद्र सिंह ने बताया कि संघ की कार्य पद्धति में प्रतिवर्ष नित्यप्रति पल में
अपने कार्यों की समीक्षा व आगामी कार्यों की योजना के लिए कार्यकारी मंडल की नियमित
बैठक दीपावली के समीप होती है। इसमें क्षेत्र और प्रांत के कार्यकारी मंडल के लगभग
350 कार्यकर्ता उपस्थित रहते हैं। कोरोना संक्रमण के कारण बदले परिवेश व शासकीय
दिशानिर्देशों के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि यह बैठक
अखिल भारतीय स्तर पर न करके क्षेत्र अनुसार की जाए। ऐसा पहली बार हो रहा है। संघ ने
अपना काम सुचारू रूप से चलाने के लिए देश को 11 क्षेत्रों में बांटा गया है।जिनमें
से पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक प्रयागराज में हो रही है। इसी प्रकार पूरे
देश में बैठक हो रही है। बैठक में सेवा कार्यों और समरसता के साथ सामाजिक ताने-बाने
को मजबूत बनाने पर भी चर्चा होगी। कोविड-19 में स्वयंसेवकों के सेवा कार्यों की
चर्चा व समीक्षा भी होगी। साथ ही कोविड-19 से प्रभावित जनजीवन के साथ समरसता,
पर्यावरण, स्वावलंबन आदि विषयों पर भी चर्चा होने की संभावना है। कुटुम्ब प्रबोधन
के तहत संयुक्त परिवार को बढ़ावा देने पर जोर है। कोरोना काल में परिवारों में हुई
कुटुम्ब गतिविधि से समाज में जो उत्साह बना है, उसे ध्यान में रखकर सप्ताह में एक
बार परिवार बैठक करने पर संघ का नेतृत्व जोर दे रहा है। सूत्रों की मानें तो इस
बैठक में लवजिहाद से निपटने के लिये भी चर्चा होगी। फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार
धर्मांतरण और लवजिहाद से निपटने के लिये संघ आने वाले दिनों में सामाजिक, धार्मिक व
सांस्कृतिक विषयों पर जनजागरण करने के लिए सप्ताह में एक बार परिवार बैठक करने की
रूपरेखा तैयार की जा रही है। इससे हिन्दू परिवारों में बिखराव कम होगा और उससे पैदा
होने वाली समस्या दूर होगी। संघ के स्वयंसेवक संपर्क के दौरान समाज से अपील करेंगे
कि सप्ताह में कम से कम एक दिन परिवार के सभी सदस्य साथ बैठें। संघ की दो दिनी बैठक
से एक दिन पहले शनिवार को दिन में पहुंचे राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने विशेष संपर्क
भी किया। संघ के संपर्क विभाग के तहत एक अखिल भारतीय स्तर की सूची होती है जिसमें
शामिल विशिष्टजनों से राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी स्वयं संपर्क करते हैं। शनिवार
को पदाधिकारियों ने लोगों के घर जाकर संपर्क किया। हालांकि कौन किससे मिलने गया, यह
बोलने को कोई तैयार नहीं है। बताते हैं कि संघ के वरिष्ठ प्रचारकों ने तीर्थराज
प्रयाग में अलग-अलग संतों से मिले। अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर
निर्माण के साथ काशी विश्वनाथ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा को मुक्त कराने में पहले
हिन्दू समाज को मानसिक रूप से उतार दिया जाय, जब लोहा गरम हो जाय तब संघ पूरी ताकत
से आंदोलन की कमान अपने हाथ मे ले। इस कार्य मे सामाजिक जागरूकता के लिये संतों की
सक्रियता के बिना मिशन पूरा होना कठिन होगा। इस लिये देश के अलग-अलग हिस्सों में
संतों को सक्रिय करने के स्वरूप भर भी चर्चा होगी।