50 लाख से ऊपर की परियोजनाओं पर डीयम नीति आयोग ने नीतिआयोग के निर्देशानुसार गुणवत्तापूर्ण कार्यो की समीक्षा की


 


 


जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई विकास कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक


 


बहराइच 07 नवम्बर,उत्तरप्रदेश


शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विकास कार्यों, 50 लाख रूपये से अधिक लागत के अन्य निर्माण कार्यों तथा नीति आयोग कार्यक्रमों की कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में विभागवार समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने निर्देश दिया कि सम्बन्धित अधिकारी भली भांति प्रगति से सम्बन्धित विवरण का स्वयं परीक्षण कर त्रुटिरहित नये प्रपत्र के अनुसार उपलब्ध करायें। निर्माण कार्य से सम्बन्धित विभागीय अधिकारी कार्यस्थल का नियमित भ्रमण करते हुए निर्धारित मानक, गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ कार्य को पूर्ण करायें। समीक्षा के दौरान कौशल विकास, सहकारिता एवं श्रम विभाग की प्रगति संतोष जनक न पाये जाने पर कार्य में अपेक्षित सुधार लाये जाने के सम्बंध में सम्बन्धित को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये।


जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों कोे निर्देश दिया कि सम्बन्धित अन्य विभागों एवं कार्यदायी संस्था से समन्वय करते हुए कार्य की प्रगति, कार्य की गुणवत्ता, कार्य पूर्ण करने की अवधि, बजट की उपलब्धता आदि की स्वयं अपने स्तर से नियमित समीक्षा करते रहें साथ ही समय-समय पर निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण भी करते रहंे जिससे निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्वक समय से पूर्ण हो सके। सरकारी विभागों के विद्युत बकायें की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने अधि. अभि. विद्युत को निर्देश दिया कि सम्बन्धित विभागों को अद्यतन बिल उपलब्ध करा दें और सम्बन्धित विभाग उपलब्ध बजट के सापेक्ष भुगतान की कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित कराये। जिन विभागों के पास बजट उपलब्ध न हो वे बजट की मांग कर लें। पशुपालन विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान सीवीओ को निर्देश दिये गये कि गौआश्रय स्थलों की आवश्यकतानुसार समय से मरम्मत आदि का कार्य पूर्ण करा लें।


स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देश दिया कि निरीक्षण में जो अनुपस्थित पाये जायें उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जाय। साथ ही विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की नियमित समीक्षा करते रहें। प्रगति की गति में कमी पाये जाने पर कारणों का निराकरण कराते हुए प्रगति की गति में अपेक्षित सुधार लाया जाय। जिन स्वास्थ्य भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है यथाशीघ्र हैण्डओवर की कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुए उपयोग में लाया जाय ताकि आम जन को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सके।


सामुदायिक शौचालय निर्माण की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि पूर्ण सामुदायिक शौचालयों केे अनुबंध की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कर ली जाय। साथ ही सामुदायिक शौचालयों के उपयोग का सत्यापन भी करा लिया जाय। आवासीय योजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि पात्र आपदा ग्रस्त लोगों को आवासीय सुविधा वरीयता के आधार पर उपलब्ध कराया जाय और जिन पात्र लाभार्थियों के पास आवास के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें सम्बन्धित एसडीएम से समन्वय कर भूमि उपलब्ध करायी जाय। इसी प्रकार अन्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। नीति आयोग द्वारा निर्धारित इन्डीकेटर्स की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिये गये कि विभागीय प्रगति से सम्बन्धित डेटा की फीडिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय।


इस अवसर पर मुंख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेश मोहन श्रीवास्तव, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. अनिल के. साहनी, सीएमएस डा. डी.के. सिंह, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्रा, पीडीडीआरडीए अनिल कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार यादव, डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी जी. डी. यादव, जिला अर्थ एवं सख्या अधिकारी अर्चना सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी  उपस्थित रहे।


 


 


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