गन्ना मूल्य भुगतान के लिखित आश्वासन पर भाकियू ने स्थगित किया धरना
ढाई घंटे तक चली मैराथन बैठक, किसानों के सवालों से कतराते रहे जिम्मेदार
31 अक्टूबर तक अवशेष पूर्ण भुगतान का मिला आश्वासन
बस्ती, उत्तर
भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी के नेतृत्व में पदाधिकारियों, किसानों, मजदूरों ने व्याज समेत गन्ना मूल्य भुगतान सहित 11 सूत्रीय मांगो को लेकर विकास भवन गेट के सामने धरना दिया। बुधवार शाम को एस.डी.एम. सदर, जिला गन्ना अधिकारी, मिलोें के अधिकारियों और भाकियू प्रतिनिधियों के साथ मुद्दों पर लगभग ढाई घंटे की वार्ता एवं 31 अक्टूबर 2020 तक मुण्डेरवा, बभनान का शत प्रतिशत अवशेष भुगतान के लिखित आश्वासन के बाद भाकियू ने धरने को स्थगित कर दिया।
धरने को सम्बोधित करते हुये मण्डल अध्यक्ष सुभाष चन्द्र किसान ने कहा कि भाजपा सरकार दावा करती है कि किसानों की आमदनी दो गुनी करायेंगे किन्तु गन्ना किसानों का अरबो रूपया चीनी मिलों पर बकाया है किन्तु सरकार चुप्पी साधे हुये है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद गन्ना किसानों को समय से भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
भाकियू मण्डल उपाध्यक्ष दीवान चन्द पटेल ने कहा कि यदि किसानों की मांगे न मानी गई तो नवम्बर माह में किसान कृषि यंत्रों के साथ अपना हक मांगने मण्डल मुख्यालय पर आयेंगे। किसी भी स्थिति की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
अधिकारियों के साथ वार्ता में भाकियू की ओर से भाकियू जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी, डा. आर.पी. चौधरी, मातेन्द्र सिंह, त्रिवेनी चौधरी, रामचन्द्र सिंह, राजेन्द्र चौधरी, राम मनोहर चौधरी, शोभाराम ठाकुर आदि शामिल रहे। अधिकारी किसानों के सवालों का जबाब देने में असमर्थ रहे और लिखित आश्वासन पर भाकियू ने धरना स्थगित कर दिया। वार्ता में यह मुद्दा छाया रहा कि धान की फसल में हल्दिया रोग बीज जनित होने के कारण लगा, इसमें किसान दोषी नहीं है। खरीद एमएसपी दर पर ही किया जाय। यदि किसान का हल्दिया रोग ग्रस्त धान न खरीदा गया तो किसान धान को जिलाधिकारी कार्यालय लेकर आयेंगे।
डीएम को सौंपे ज्ञापन में मुण्डेरवा, गोविन्दनगर, अठदमा, बभनान चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान व्याज सहित कराये जाने, गन्ना समिति मुण्डेरवा में जांच के नाम पर किसानों का रोका गया भुगतान कराये जाने, मुण्डेरवा मिल द्वारा गन्ने की अच्छी प्रजाति के नाम पर दिये गये बीज 018 आदि के कारण काफी नुकसान हुआ है, सर्वे कराकर उसकी क्षतिपूर्ति किये जाने, अतिवृष्टि के कारण फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति कराये जाने, जंगली एवं आवारा पशुओं से फसलों के नुकसान की सुरक्षा कराये जाने, एमसीपी रेट पर फसल की खरीद सुनिश्चित कराते हुये उससे कम की खरीद को कानूनी अपराध घोषित किये जाने, बच्चों की शिक्षा व्यवस्था, टूटी सड़कों की मरम्मत, 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दिये जाने, सरयू नहर के टूट जाने से कुदरहा, बहादुरपुर में अनेक गांवों की फसल नष्ट हो गई, इसकी जांच कराकर मुआवजा दिलाये जाने आदि की मांग शामिल है।
भाकियू के धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से हृदयराम वर्मा, चौधरी कन्हैया किसान, राम महीपत चौधरी, राम सूरत पटेल, शिव मूरत चौधरी, पारसनाथ गुप्ता, रामनवल किसान, पण्डा यादव, केशवराम चौधरी, रामनयन किसान, हरिप्रसाद चौधरी, फूलचन्द चौधरी, घनश्याम, पंचराम, श्याम नरायन सिंह के साथ ही भाकियू के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता, किसान, मजदूर शामिल रहे।