पराली जलाने में राष्ट्रीय न्यायिक प्राधिकरण की अनुशंसा के अनुरुप ही क्रियान्वन... दिव्या मित्तल

 


संत कबीर नगर 05 अक्टूबर


जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने शासन के निर्देश के क्रम में जनपद के कृषकों से फसल के अवशेष/पराली जलाये जाने से उत्पन्न हो रहें प्रदूषण के रोकथाम के दृष्टिगत फसल अवशेष/पराली खेतों में न जलाये जाने की अपील की है। जिलाधिकारी ने खेतों में फसल अवशेष/पराली जलाये जाने से होने वाले नुकसान जैसे वायुमण्डलीय प्रदूषण, भूमि उर्वरा शक्ति पर दुष्प्रभाव, जैविक खाद बनाने में लाभकारी सूक्ष्म जीव का नष्ट हो जाना, पशुओं के चारे की समस्या, अग्निकाण्ड की घटनायें आदि से बचने हेतु सम्बंधित अधिकारियों जैसे जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वर्तमान में धान के फसल की कटाई के समय कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रिपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।


उन्हांेने बताया है कि धान फलस कटाई से पहले सभी कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन स्वामी यह सुनिश्चित करले की उनके कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रिपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर लग जाए। अन्यथा की दशा में उक्त व्यवस्था के बैबर कोई भी कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन यदि फसल कटाई करते हुए पायी जाएगी तो उसके स्वामी के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाई करते हुए कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन सीज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि फसल अवशेष जलाये जाने के घटनाये प्रकाश में ना आने पाये दोषी पाये जाने वाले के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है।


जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के नियम एवं शर्तो का हवाला देेते हुए बताया कि फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्थदण्ड जैसे 02 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 2500 प्रति घटना, 02 एकड़ से 05 एकड़ क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 5000 प्रति घटना तथा 05 एकड से उपर क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 15000 प्रति घटना निर्धारित किया गया है। इस साथ ही पुनरावृत्ति करने वाले कृषकों के विरूद्ध अतिरिक्त विधिक कार्यवाही अर्थदण्ड वसूले जाने का भी प्राविधान किया गया है। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायतों में दर्शनीय स्थलों पर इस आशय से सम्बंधित नियमानुसार निर्धारित प्रारूप पर वाॅल पेंटिंग कराई जाए।


उन्होंने जनपद की किसानों से पराली/फसल अवशेष/अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाने बल्कि खेत में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढाने, फसल की उपज बढाने, पशुओं की चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहयोग करने की 


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