*पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के सेवा कार्यों से अभिभूत हूँ : दत्तात्रेय होसबाले*
*पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास का तृतीय कार्यवृत्त का विमोचन*
नईदिल्ली
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा अपने तृतीय कार्यवृत्त का विमोचन आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मान्यवर दत्तात्रेय होसबाले जी के कर कमलों से किया गया! न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते गये कहा कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास को स्थापित हुए तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं। हर वर्ष हमने यह परंपरा बनायी है कि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की न्यास की गतिविधियों की पुस्तिका जनता के समक्ष प्रस्तुत की जाए। यह पुस्तिका समाज के प्रति न्यास के उत्तरदायित्व एवं कार्यक्रमों की जानकारी देता है।
कोविड 19 महामारी के कारण इस वर्ष सेवा न्यास अपनी वार्षिक गतिविधियों पर प्रगति प्रतिवेदन पुस्तक प्रकाशित नहीं कर सका था। पं. गणेश प्रसाद जी का मानना था कि किसी भी सार्वजनिक कार्य को करने से जो लाभ मिलता है, वह सबको बाँटा जाए। विभिन्न कार्यक्रमों हेतु नागरिकों से प्राप्त आर्थिक एवं अन्य सहयोग को सभी को बताना चाहिये। इसी कड़ी में सेवा न्यास अपने कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत करता है।
इस अनौपचारिक कार्यक्रम के अवसर पर माननीय दत्तात्रेय जी ने कहा कि राकेशजी आपके सेवा न्यास को बहुत बहुत बधाई देता हूँ कि आप वर्ष भर में अनेकानेक कार्यक्रम करते रहते हैं। केवल मध्य प्रदेश ही नहीं, तो उत्तर प्रदेश व दिल्ली के भी अनेक ज़िलों में न्यास की गतिविधियों व समाचारों को पढता व सुनता रहता हूँ। प्रयागराज में माघ मेला व कुंभ मेला में लगातार पैंतालीस दिनों तक जिन कल्पवासियों की सेवा में न्यास मदद करता है, वह क़ाबिले तारीफ़ है।
इसमें केवल धार्मिक आयोजन मात्र नहीं होते हैं अपितु इस वर्ष न्यास द्वारा दो बार चिकित्सा शिविरों के आयोजन से हजारों तीर्थ यात्रियों को आंख के चश्में व कान की मशीन दी गई। भारतीय संस्कारों को पल्लवित पुष्पित करने के लिए दद्दा जी की प्रेरणा से 50 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार भी किया गया। समाज में उपेक्षा की दृष्टि से देखे जाने वाले थर्ड जेंडर वर्ग किन्नरों का सम्मेलन करना पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास का विशेष उल्लेखनीय कार्य है।
पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, छात्रों को शुद्ध पेयजल, खेल-कूद का विशाल परिसर निर्माण, विभिन्न क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन निश्चित रूप से एक अच्छे सेवाभावी न्यास की ओर इंगित करता है। इन गतिविधियों को देखने सुनने पर ध्यान में आता है कि अल्पकाल में ही दद्दा जी की स्मृति में सेवा न्यास की प्रेरणास्रोत श्रीमती शान्ति मिश्रा ने यह कार्य जो प्रारम्भ कराया है, आज तीन वर्षों में यह एक वटवृक्ष बनता जा रहा है। अभी तक न्यास द्वारा देश के मशहूर चिकित्सा संस्थान दि मेदांता मेडिसिटी गुरुग्राम द्वारा तीन बड़े स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन नौगांव एवं सतना में किया जाना सेवाधर्मिता दर्शाता है। अभी तक ग्यारह बड़े स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर दीन दुखियों की सेवा करने के कारण ही न्यास के कार्यकर्ताओं को बधाई का पात्र बनाता है।
दत्तात्रेय होसबाले जी ने यह भी कहा कि आज संस्कारों को हम परिवारों में डालते हैं तो निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ी अपने आप संस्कारवान बनती है। संस्कारवान घर के वातावरण का प्रभाव परिवार पर होता है और परिवार का प्रभाव समाज पर होता है और समाज का प्रभाव देश पर होता है। दत्तात्रेय जी ने संघ के प्रथम पीढ़ी के प्रचारक श्री गणेश प्रसाद मिश्र जी के कुछ अच्छे उद्धरणों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि दद्दाजी सरल, सहज, मेधावी, सेवाभावी कार्यकर्ता थे। वह बहुत ही गंभीर एवं लगनशील प्रकृति के स्वयंसेवक थे।
संघ पर प्रथम प्रतिबंध के समय सन 1948 में पोस्ट मास्टर की नौकरी छोड़कर वह संघ के प्रचारक बन गये। ऐसे त्यागी तपस्वी लोगों के कारण ही आज देश चल रहा है। जीवन के अंतिम समय तक संघ की प्रार्थना नियमित होती रहे, यह भाव उनका सदैव रहता था। संघ कार्य का विस्तार कैसे हो, इसमें वे निरंतर लगे रहते थे। अपने जीवन के अंतिम दिन तक वे नौगांव नगर में आए हुए संघ विस्तारक की चिंता करते रहे। संघ प्रचारक व्यवस्था पर उनका अटूट विश्वास होने के कारण वे प्रचारकों की केवल भोजन मात्र की नहीं, बल्कि उनके संपर्क हेतु साधन की चिंता करते थे। वे संघ शाखाएं बढ़ाने के लिए उनके साथ प्रवास में जाते थे। आज उन जैसे महानुभावों के कारण ही संघ की विश्वसनीयता बनी है। ऐसे अनेकानेक कार्यकर्ता जिनका पथ पर नाम भी नहीं है, वह भी अपने पीछे अपने कार्यों से अपने नाम को जीवंत रख गए हैं। ग्राम धवर्रा में मेरा जाना हुआ है वहाँ गाँव का सर्वागीण विकास हो रहा है। मैंने न्यास के कार्यकर्ताओं से चर्चा में भी सुना है ।
यह पुस्तिका रूपी कार्यवृत सेवा न्यास के सभी सहयोगियों व कार्यकर्ताओं को पाथेय प्रदान करेगा। कार्यकर्ताओं को उनसे प्रेरणा मिले, ईश्वर उन्हें शक्ति दें कि इसी प्रकार से वह सेवा काम में लगे रहें। अभी कोविड महामारी के दौरान भी सेवा न्यास के द्वारा आठ विभिन्न वेबिनार आयोजित की गईं, जो अपने आप में अनूठा उदाहरण है।
सतना व नोगोवं में पटबंद मंदिरों के पुजारियों को राशन सामग्री देना हो या बिछड़े हुए ट्रेन से आए हुए ग्रामीण यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाना हो या घरों में बंद लोगों को भोजन देना हो इस कार्य में न्यास ने भरपूर कार्य किया है। यह संघ के संस्कारों का ही प्रकटीकरण है कि पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास ने बेहतरीन ढंग से किया है।
मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि दद्दाजी की तीसरी पीढ़ी यानी डॉ.राकेश मिश्र, प्रमिला और उनके पुत्र संकल्प इस सेवा कार्यों में सतत लगे हुए हैं। अच्छी बात है कि दद्दाजी की चारों बेटियां स्वयं इस काम में सक्रिय हैं।आज संकल्प के जन्मदिन पर धवर्रा गाँव में सात पौधों का वृक्षारोपण करना, दद्दाजी के पर्यावरण प्रेम का ही नतीजा दर्शाता है। श्रीमती आशा दीदी, मालती, रेखा एवं डॉ रचना मिश्रा सहित सभी सेवा न्यास के काम में निरंतर लगीं हुई हैं। राकेश जी, सभी परिवारजनों को सेवा कार्यों में लगाये हुये हैं, जो एक अच्छे परिवार भाव का उदाहरण है।
सभी बहनें अपने भाई के साथ संघ के संस्कारों से अनुप्राणित होकर इन कार्यों को निरंतर कर रही हैं। दद्दा जी की स्मृति में प्रतिवर्ष होने वाली व्याख्यान माला के विषय भी बड़े ही सारगर्भित हैं। आज इस अवसर पर यह कार्यवृत्त का प्रकाशन अनेक लोगों को सेवा कार्यों के प्रति प्रेरित करेगा। पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा सतना नगर में अपना सपना-हरा भरा सतना का सफल अभियान हमें निश्चित ही पर्यावरण के प्रति यह भाव दूरगामी परिणाम देगा।
कार्यक्रम के अंत में संकल्प मिश्र ने सभी का आभार व्यक्त किया, विशेषकर श्री प्रभात कुमार जी एवं उनके परिवार का भी कि वे सपरिवार उपस्थित भर नहीं हुए, बल्कि उन्होंने अल्प समय में यह पुस्तिका विमोचन के लिए उपलब्ध कराई। आज सौभाग्य का विषय है कि न्यास के ही सदस्य संकल्प मिश्र का जन्मदिन भी है। इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अनौपचारिक समारोह में यह कार्यवृत्त प्रकाशित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का सहभोज हुआ। इस अवसर पर न्यास के सहयोगी श्री सत्यभूषण जी जैन, श्री गोविंद अग्रवाल जी, डॉ. नरेश पमनानी, श्री राकेश बिंदल जी, श्री वी पी टंडन जी, श्रीमती वंदना टंडन, श्री आदित्य अग्रवाल, डॉ. रेखा पाठक (फरीदाबाद), श्री संजीव कुमार (गुरुग्राम), श्री विनीत रावत, श्री रंजीत कुमार, श्रीमती अनीता रावत, सहित न्यास के प्रमुख कार्यकर्ता परिवार सहित उपस्थित रहै.