मुख्यमंत्री के अधीन पुलिस विभाग ने170 की पोस्टमार्टम किट खरीदी1960 में ?????????

मुख्यमंत्री के विभाग पर लगा पोस्टमार्टम किट खरीदने में घोटाले का आरोप!


 


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ


कोरोना काल में विपक्षी दल बार-बार विविध सामग्रियों की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। पंचायतों में ऑक्सीमीटर की खरीद में भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई भी हुई। कहीं सेनेटाइजर, किट व अन्य वस्तुओं की खरीद पर आरोप लगे। कई मामलों में जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई भी हुई। ताजा ताजा भ्रष्टाचार का मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग से जुड़े पुलिस विभाग में किये जाने का आरोप सामने आया है। 170 से लेकर 600 रुपये के पोस्‍टमार्टम किट को 1960 रुपये में खरीदे जाने का आरोप लगा है।


बताया जा रहा है कि एक कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिये विभागीय अधिकारियों ने जेम पोर्टल के जरिये यह खेल किया है। जिस दाम पर पुलिस लॉजिस्‍टक विभाग ने ब्रांडेड आइटम खरीदा, अब उसी दाम पर अनब्रांडेड की खरीद कर घोटाला किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी एवं ठेकेदार कंपनी की मिलीभगत से खरीद संबंधी टेंडर उस कंपनी को दिया गया, जिसे इस क्षेत्र में काम करने का अनुभव नहीं था। इस घपले की शिकायत मुख्‍यमंत्री से की गई है।


एडीजी लॉजिस्टिक बीके मौर्या इस तरह के आरोपों से इनकार करते हुए शिकायत मिलने पर जांच की बात कह रहे हैं। जानकारी के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश पुलिस के लॉजिस्टिक विभाग ने 20 दिसंबर 2019 और 20 फरवरी 2020 में क्रमश: 49131 तथा 75745 पोस्‍टमार्टम किट खरीदने के दो टेंडर जेम पोर्टल पर निकाले गए। अन्‍य कंपनियों को दरकिनार करके बाइट्स एंड बाइट्स नाम की कंपनी को आपूर्ति का जिम्‍मा सौंपा गया। यह आईटी कंपनी थी, जिसके पास इससे पहले पोस्‍टमार्टम किट आपूर्ति करने का कोई अनुभव नहीं था, परंतु पुलिस विभाग ने ठेका इस कंपनी को दे दिया।


लगभग 25 करोड़ के उक्‍त दोनों टेंडर में कंपनी ने ब्रांडेड सेंट जॉन्‍स फर्स्‍ट एड किट की आपूर्ति की। दिलचस्‍प बात यह है कि मेडिकल किट खरीदने का काम पुलिस विभाग की फो‍रेंसिक साइंस लैब करती है, क्‍योंकि उसके पास इस काम का अनुभव है, लेकिन इस बार खरीद लॉजिस्‍टक विभाग ने की। पुलिस लॉजिस्टिक विभाग ने 8 अक्‍टूबर 2020 को फिर 75939 पोस्‍टमार्टम किट का टेंडर जेम पोर्टल पर दिया। आरोप है कि इस बार बाइट्स एंड बाइट्स ने छह कंपनियों का पूल बनाकर टेंडर डाला। इस बार खेल यह किया गया कि पिछली दो बार की आपूर्ति में जो ब्रांडेड आपूर्ति की शर्त थी, उसे दरकिनार कर दिया गया।


इसका परिणाम यह हुआ कि उक्‍त कंपनियों को कम दामों पर खरीदी गई किट को महंगे दाम पर आपूर्ति कर मोटा रकम उगाहने का मौका मिल गया। मुख्‍यमंत्री को भेजी गई शिकायत में वेदांत इनफोटेके औरंगाबाद ने आरोप लगाया है कि उक्त कंपनी ने पुलिस के लॉजिस्‍टक विभाग से सांठगांठ कर यह पूरा खेल किया है।


बाइट्स एंड बाइट्स को आगे कर उसने सरकार को 13 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का चूना लगाया है। बताया जा रहा है कि जेम पोर्टल पर ही जो अनब्रांडेड पोस्‍टमार्टम किट 250 रुपये में उपलब्‍ध था, उसे जेम पोर्टल के जरिये ही 1960 रुपये में खरीद कर इन कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिये सरकार को चूना लगाया गया। इस संदर्भ में कंपनी ने जेम पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसे गोलमोल जवाब दे दिया गया।इन आरोपों पर जब एडीजी लॉजिस्टिक बीके मौर्या से पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि यह खरीद जेम पोर्टल के माध्‍यम से ही की गई है। 2000 रुपये तक खरीद के लिए ऑथराइज्‍ड था, इसी के हिसाब से खरीद की गई है। जेम्‍स पर कोई भी अप्‍लाई कर सकता है, हमने रिवर्स ऑप्‍शन के माध्‍यम से खरीदा है। इस पर कोई भी कंपनी आ सकती है। अगर किसी को कोई शिकायत है तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जायेगी।


 


 


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