बस्ती,उत्तरप्रदेश
मनरेगा के कार्यो में रूचि न लेने पर जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने जिला उद्यान अधिकारी का वेतन रोकते हुए एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मनरेगा कन्वर्जन्स की समीक्षा करते हुए उन्होने पाया कि विभागीय निदेशक द्वारा रू0 1.50 करोड़ से मनरेगा के अन्तर्गत कार्य कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस संबंध में सीडीओ ने एक माह के भीतर दो बार समीक्षा बैठक करके जिला उद्यान अधिकारी को प्रस्ताव एवं स्टीमेट देने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद प्रस्ताव एंव स्टीमेट न देने पर जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोकने का निर्देश दिया है।
उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत कराये जा रहे कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित होता है साथ ही इससे किसानों की आय बढाने में भी वृद्धि होती है। कोविड-19 के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आये प्रवासी कामगारों को इससे काफी सहयोग मिलता है। इसलिए मनरेगा के कार्यो में अधिकारीगण तेजी दिखाए तथा समय से कार्य पूरा करें। इस योजना में धन की कोई कमी नही है।,
समीक्षा में उन्होने पाया कि पीडब्लूडी प्रांतीय खण्ड ने 160 के सापेक्ष 134, निर्माण खण्ड ने 145 के सापेक्ष 120, सरयू नहर खण्ड-4 ने 18 के सापेक्ष 12, सरयू नहर खण्ड अयोध्या ने 05, बाढ खण्ड ने 03 के सापेक्ष 02, नलकूप ने 55 के सापेक्ष 36, भूमि विकास कृषि ने 04 के सापेक्ष 03, रेशम ने 10 मस्टररोल जनरेट कर लिया है। जिलाधिकारी ने इनके सापेक्ष सभी पर कार्य प्रारम्भ करने का निर्देश दिया है। उन्होने लधु सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि धान की फसल कटने के साथ ही कार्य शुरू कराये ताकि समय पर इसे पूरा किया जा सके।
बैठक का संचालन उपायुक्त मनरेगा इन्द्रपाल सिंह ने किया। इसमें सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका, डीएफओ नवीन कुमार, डीडीओ अजीत श्रीवास्तव, विनय सिंह, शुभनारायण राव एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।