बस्तीः
हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़ित परिवार से मिलने बुलगाड़ी गांव जा रहे कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को नोयडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने राहुल गांधी से धक्का मुक्की भी की। खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेसजनों का गुस्सा भड़क उठा। दर्जनों की संख्या में कटेश्वरपार्क स्थित पार्टी दफ्तर से सरकार विरोधी नारे लगाते हुये सड़क की ओर बढ़े।
मौके पर पहुंची पुलिस का दबाव बढ़ा तो नाराज पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी सड़क पर ही बैठ गये और राहुल गांधी को रिहा करो के नारे लगाने लगे। कांग्रेसी नेता आक्रोशित थे और पुलिस भी किसी कीमत पर प्रदर्शन सफल नही होने देना चाहती थी। फिलहाल भारी संख्या में पहुंची पुलिस फोर्स ने प्रदर्शनकारियों को जबरिया गाड़ियों में बैठाया और कोतवाली ले गयी। बाद में सभी को पुलिस लाइन ले जाया गया। समाचार लिखे जाने तक सभी पुलिस हिरासत में थे।
कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा ने कहा हाथरस की दलित बेटी के साथ पहले दुराचारियों ने दुष्कर्म किया, बाद में सिस्टम ने। हाथरस की बर्बर पुलिस ने बेटी का अंतिम दर्शन भी नही करने दिया। हिन्दू रीति रिवाजों की तरह अंतिम संस्कार का परिजनों को अधिकार देने की बजाय जबरिया लाश को जला दिया गया। पुलिस की इस कार्यवाही पर संदेह उत्पन्न होता है। पुलिस जनता से उसका मौलिक अधिकार भी छीन लेना चाहती है।
अंकुर वर्मा ने कहा हाथरस जाते समय राहुल गांधी को न सिर्फ रोका गया बल्कि पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की। नतीजा कुछ भी हो कांग्रेसजन इस हद तक ज्यादती किसी कीमत पर बर्दाशत नही करेंगे। इस दौरान बाबूराम सिह, मो. रफीक खां, विश्वनाथ चौधरी, डा. दीपेन्द्र सिंह, आदित्य त्रिपाठी, संदीप श्रीवास्तव, गुड्डू सोनकर, सचिन शुक्ला, पवन अग्रहरि, दिनेश पाल, विवेक श्रीवास्तव, सुधीर यादव, भूपेश पाण्डेय, शुभम गौड़, अभिषेक सिंह, रंजीत चौहान, विकास चौहान, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, महेन्द्र श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।