पुण्य तिथि पर याद किये गये समाजवादी आन्दोलन के अगुवा डॉ. राम मनोहर लोहिया
डॉ. लोहिया ने आजाद भारत में सत्ता से सवाल पूछना सिखाया- महेन्द्रनाथ यादव
बस्ती । समाजवादी आन्दोलन के अगुवा डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी 53 वीं पुण्य तिथि पर याद किया गया। समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने डा. लोहिया के विचारों पर प्रकाश डालते हुये उन्हें नमन् किया।
समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष महेन्द्रनाथ यादव ने कहा कि डा. लोहिया ने आजाद भारत में सत्ता से सवाल पूछना सिखाया और सत्ता के खिलाफ रहकर भारतीय राजनीति के साथ भारतीयों के मन-कर्म पर गहरा प्रभाव छोड़ा। वह हमेशा समाज और सरकार को एक साथ, एक रास्ते पर और एक समान बनाने के लिए कार्य करते रहे। उनका समाजवाद विश्व इतिहास से सीखते हुए भारतीय सभ्यता, भारतीय संस्कृति और भारतीय मानवतावाद से प्रभावित था।
पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय ने कहा कि राममनोहर लोहिया को देश में गैर-कांग्रेसवाद की अलख जगाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। डा. लोहिया चाहते थे कि दुनियाभर के सोशलिस्ट एकजुट होकर मजबूत मंच बनाए. लोहिया भारतीय राजनीति में गैर कांग्रेसवाद के शिल्पी थे और उनके अथक प्रयासों का फल था कि 1967 में कई राज्यों में कांग्रेस की पराजय हुई, हालांकि केंद्र में कांग्रेस जैसे-तैसे सत्ता पर काबिज हो पाई। लोहिया ने जो गैर-कांग्रेसवाद की अलख जगाई थी, वह आगे चलकर 1977 में केंद्र में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार के रूप में फलीभूत हुई. लोहिया मानते थे कि अधिक समय तक सत्ता में रहकर कांग्रेस अधिनायकवादी हो गई थी और वह उसके खिलाफ संघर्ष करते रहे। उन्होने जनहित के सवालों को लेकर आजीवन संघर्ष किया।
समाजवादी चिन्तक चन्द्रभूषण मिश्र ने कहा कि राममनोहर लोहिया प्रखर चिंतक तथा समाजवादी राजनेता थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए, जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया उनमें से ही एक थे राममनोहर लोहिया। अपनी प्रखर देशभक्ति और समाजवादी विचारों के कारण डॉ. लोहिया ने अपने विरोधियों के बीच भी अपार सम्मान हासिल किया।
डा. राम मनोहर लोहिया के पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम को मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामललित चौधरी, जितेन्द्र उर्फ नन्दू चौधरी, सिद्धेश सिन्हा, समीर चौधरी, यज्ञेश पाण्डेय, सुमन सिंह, वृजेश मिश्र जहीर आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि डा. लोहिया के राजनीति का पथ जन सरोकारों से जुड़ा था, नई पीढी को उनसे प्रेरणा लेना चाहिये।
कार्यक्रम में अरविन्द सोनकर, महेश तिवारी, रजवन्त यादव, राना प्रजापति, अनिल निषाद, फूलचन्द श्रीवास्तव, राजेन्द्र चौधरी, मो. सलीम, आर.डी. निषाद, इन्द्रावती शुक्ला, रन बहादुर यादव, श्याम सुन्दर चौहान, अखिलेश यादव, घनश्याम यादव, अभिषेक उपाध्याय, जावेद, हिमांशु सिंह, एजाज अहमद, आमिश, रामशंकर निराला, मुरली पाण्डेय, अमरेन्द्र पाण्डेय, जोखूलाल, मो. मोइन, साहिर, रौनक उपाध्याय, गौरीशंकर यादव, अजय चौधरी, निसार अहमद, मो. कैफ, अजय यादव, राजेश चौधरी, संदीप निषाद, रामउजागिर, चीनी चौधरी, चिन्ता यादव, मनोज प्रजापति, कमलेश यादव, आनन्द चौधरी, जगनरायन मौर्य के साथ ही पार्टी के अनेक नेता, पदाधिकारी शामिल रहे।