अयोध्या को देश की राजधानी चाहती है भारत महापरिवार पार्टी

बस्ती,उत्तरप्रदेश


रविवार को भारत महापरिवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंबरीश देव गुप्ता ने संकल्प लिया और यह कहा कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है, तो हम दिल्ली जो भारत की राजधानी है, उसे बदलकर अयोध्या को भारत की राजधानी बनायेगे। इसके लिए हम अपने इस अभियान की शुरुआत गुरु वशिष्ठ की भूमि बस्ती जनपद से करने जा रहे है ।   


 


 


अंबरीश  का कहना है कि अयोध्या युगों-युगों से भारत वर्ष की राजधानी रही है । जिसे हम पुनः भारत की राजधानी बनाने का संकल्प लेते है। उन्होने अयोध्या को भारत की राजधानी बनाने के तमाम तर्क प्रस्तुत किए पहला यह भूमि गुरुओं और महान विभूतियों की जन्म स्थली रही, यही से भारत को विश्व गुरु की उपाधि मिलती है। जिसके प्रमाण आपको पुराणों में मिल जायेंगे। यह भूमि हमेशा से अजय रहा। यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्म स्थली रहने के साथ भाइयों के अटूट प्रेम, सेवा, त्याग की गाथा आज भी लोगों को मर्यादा और संस्कार के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देती है। जहाँ प्रजा की हर एक इच्छा राजा की इच्छा हुआ करती थी, जो पूर्णतः समृद्ध और खुश हाल था। इसलिए हमारा मानना हम भारत को विश्व गुरु, सोने की चिड़िया बनाने का लक्ष्य केवल इसी भूमि से ही पूर्ण कर सकते है।


 


 


जबकि वर्तमान भारत की राजधानी दमनकारी, आक्रमणकारी, छल और दम्भ की आधारशिला पर बसा हुआ है। यह मुग़लों और अंग्रेजों की धरोहरों और इतिहासों से भरा पड़ा है। जो हमारी संस्कृति, शिक्षा और विचारों को छिन्न भिन्न कर रहा है। क्या हम अपने आने वाली पीढ़ी को ऐसे इतिहास की गाथा बताने और दिखने वाले है। जो केवल छल, षड्यंत्र , भाइयों से द्रोह और समाज को तोड़ने की शिक्षा देता है। जहाँ त्याग और न्याय का कोई सीख न मिलता हो। जो विदेशियों की शिक्षा का प्रचार कर रहा हो। वह किस तरह के व्यक्तित्व का निर्माण करेगा। हमें विचार करना होगा।


 


 


उन्होंने कहा कि यह इस देश की विडम्बना है कि राष्ट्रवादी बड़ी-बड़ी बाते करने वाले सत्ताधारी भारत को विश्व गुरु और सोने की चिड़िया बनाने की बात तो करते है, लेकिन यह संभव कैसे होगा, इस पर कभी चिंतन भी नहीं किया।


 


 


उन्होंने कहा की हमने अयोध्या को भारत की राजधानी बनाने का पूरा स्वरूप तैयार कर लिया है। जिसका सूक्ष्म विवरण यहाँ अभी दे रहे है। यह राजधानी अष्टचक्र के रूप में विकसित किया जायेगा। जो हमारी मान्यता ८४, १४, और ५ कोसी परिक्रमा परिधि के आधार पर होगा। जिसमे आठ मार्ग होंगे, जिसमे चार मार्ग ८४ कोसी परिधि मार्ग से से १४ कोसी परिधि मार्ग तक जुड़ेंगे और अन्य चार ८४ कोसी परिधि मार्ग से ५ कोसी परिधि मार्ग से होते हुए मुख्य मंदिर तक जायेंगे । यही चार मार्ग राजधानी के मुख्य द्वार होगा, जो पौराणिक स्थलों को दृष्टगत रखते हुए बनाया जायेगा।


 


 


 


 


यह राजधानी दुनिया को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ प्रामाणिक पौराणिकता के आधार पर विकसित किया जायेगा। हम राजधानी में विकसित होने वाले कुछ प्रमुख स्थानों को बताने जा रहे है। जैसे पूर्व में आई आई टी , शोध संस्थान , विश्व विद्यालय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आदि। उत्तर में संसद भवन और सचिवालय, अन्य प्रसाशनिक कार्यालय आदि होंगे। दक्षिण में इंडस्ट्री और कंपनियों के लिए जगह आदि होंगे और पश्चिम में स्टेडियम और एम्स, और तमाम रिहायशी कॉलोनियां आदि विकसित किये जायेंगे। जिसका हम ३d मॉडल स्वरूप जल्द ही जनता के समक्ष रखेंगे।


 


 


उन्होंने भारत की जनता से अपील किया कि अयोध्या को पुनः भारत की राजधानी बनाने के लिए अपना समर्थन हमें दे। जिससे भारत की जनता से लेने के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते है। आज से हम इस अभियान को देशव्यपी बनाने के लिए शुरुआत कर रहे है। आप अपना समर्थन हमारी वेबसाइट www.bharatmahaparivar.org यह BMPP एप के माध्यम से अपना समर्थन दे सकते है।


 


 


इस कॉन्फ़्रेंस में मंडल अध्यक्ष अजय भट्ट, सक्रिय कार्यकर्ता गौरव शुक्ल, देवेंद्र गुप्ता, अलोक श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, शुभम साहू, योगेश मिश्रा, सुधाकर मिश्रा, धनंजय सिंह, धीरेन्द्र सिंह, अनुपम शुक्ल, अनुराग शुक्ल, दिलीप मौर्य, आशीष शुक्ल, राहुल शुक्ल, राजेश शर्मा, विकास वर्मा, प्रदीप शर्मा, प्रदीप कुमार, अविनाश शर्मा, आदि लोग मौजूद रहे।


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