बसपा नेता रामअचल राजभर, मेवालाल गौतम, अतर सिंह और नौशाद अली की जमानत खारिज
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
इलाहाबाद हाईकोर्ट की एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं व उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के आपराधिक मामले में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर व तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम समेत अतर सिंह राव तथा नौशाद अली की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
उन्होंने अभियुक्तों की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। 22 जुलाई, 2016 को इस मामले की नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। सरकारी वकील मुनेश बाबू यादव के मुताबिक 12 जनवरी, 2018 को इस मामले में इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पाॅक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
लेकिन तबसे अभियुक्त न तो अदालत में हाजिर हुए और न जमानत कराई। बीते 21 अक्टूबर को विशेष अदालत ने भगौड़ा घोषित करते हुए इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। बता देंं कि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने 2017 में बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिप्पड़ी किया था।
जिससे नाराज होकर बसपा नेताओं ने हजरतगंज में बाबा साहब की प्रतिमा के समक्ष धरना देकर अपना आक्रोश प्रकट किया था। उसी दौरान नेताओं ने दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं व बेटी पर अभद्र टिप्पणी की थी।