जौनपुर,उत्तरप्रदेश
मछली शहर पड़ाव स्थित शाही ईदगाह के प्रांगण में जश्ने ईद उल मिलाद उल नबी का कार्यक्रम किया गया जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया, कार्यक्रम का आगाज तिलावते कलाम ए पाक से शेर मस्जिद के इमाम कारी जिया ने किया।इस मौके पर नात पढ़ते हुए कारी जिया ने कहा कि सुर्खरू होता है वही जो शाहे बे ईमान होता है , अजीम जौनपुरी ने भी अपनी नात से महफिल में समा बांधा।
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वसल्लम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए मोहम्मद शोएब खाँ ने बताया कि 532 ईस्वी में इस्लामी तारीख के 12 रबी उल अव्वल को अबू मत्तालीब के यहां अरब के मक्का शहर मे एक पोता पैदा हुआ जिसने पूरे एशिया और यूरोप में ही नहीं पूरी दुनिया में इल्म का प्रकाश फैलाया बाद में उनको खातेमूल नबी का लक्ब मिला । उन्होंने बताया कि अब कयामत तक दुनिया में कोई भी नबी या पैगंबर या अवतार नहीं आएगा उन्होंने जो धर्म की शिक्षा, इंसानियत की शिक्षा दुनिया को दी है । उसी पर अमल करके दुनिया में अमन कायम किया जा सकता है । संचालन सीरत कमेटी के उपाध्यक्ष नेयाज ताहिर शेखू ने किया।
कोविड-19 को देखते हुए इस साल जुलूस नहीं निकला और और शहर में कोई भी सजावट नही हुई । मरकजी सीरत कमेटी व शाही ईद गाह कमेटी ने शासन प्रशासन के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार कार्यक्रम को स्थगित कर अटाला मस्जिद व ईदगाह में कौमी यकजहती का प्रोग्राम किया गया । जुम्मा की नमाज के बाद शाही ईद गाह में कौमी यकजहती का प्रोग्राम किया गया जिसमें शहर के तमाम मौतबर व सम्मानित लोगों ने भाग लिया। आखिर में कोविड-19 से निजात के लिए व दुनिया में अमन व आमान के लिए दुआएं मांगी गई।
मिर्जा दावर बैग,रियाजुल हक, हाजी इमरान ,जफर मसूद ,असलम शेर खान ,इरशाद मंसूरी ,ताज मोहम्मद, आमिर कुरेशी,रशीद अहमद,सद्दाम हुसैन ,सिराज सिद्दीकी ,अरशद ए आलम शम्स आलम, सलीम खान,अमिक जामई,अरशद खाँ,शकील अहमद आदि लोग मौजूद रहे