विस्फोटक व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी की हत्यामे मणिलाल पाटीदार के अतिरिक्त अनेक और कृतघ्न मणियां है !

  इन्द्रकांत त्रिपाठी की मौत से जुड़ सकते हैं कुछ और बड़े संरक्षकों के नाम!


 


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। 


उत्तर प्रदेश के महोबा के चर्चित विस्फोटक कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड मामले में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही विजिलेंस के रडार पर एक डीएसपी समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी व कुछ सामाजिक लोगों के नाम भी आ सकते हैं। जल्द ही सभी पुलिसकर्मियों से विजिलेंस की टीम पूछताछ करेगी। बताते हैं कि कुछ कारोबारियों और अन्य से पूछताछ में विजिलेंस ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ अहम साक्ष्य जुटाए हैं।


जांच में कई और बड़े नामों के खुलासे हो सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक डीएसपी,दो थानेदार समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मियों की संदिग्ध भूमिका के साक्ष्य विजलेंस को मिले है।विदित है कि क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर वीडियो वायरल कर तत्काल एसपी मणिलाल पाटीदार पर उगाही का आरोप लगाया था। इससे पहले एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने बड़ा खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत की थ्योरी ही पूरी तरह से बदल गई है। मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की प्रथम रिपोर्ट मे मृतक व्यापारी की लाइसेंसी पिस्टल से ही चली गोली से बतायी जा रही है।


 इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत की जांच में आत्महत्या का भी एक ऐंगल आया है। एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से अभी तक उनका कोई भी बयान जांच में दर्ज नहीं किया गया है। अभी विवेचना के आधार पर सभी आरोपियों खिलाफ जांच जारी है।साथ ही गोलीकांड वाले दिन जारी जुए के वीडियो के बारे में भी गहनता से पूछताछ की जा रही है।


 बता दें कि इंद्रकांत त्रिपाठी ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत खोरी के गंभीर आरोप लगाए थे। मौत के पहले एक वीडियो जारी कर उन्होंने अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। आरोप लगाने के अगले ही दिन इंद्रकांत को गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें कानपुर में भर्ती कराया गया था। जहां 5 दिनों बाद इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत हो गई थी। इस मामले में मणिलाल पाटीदार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इंद्रकांत पर हमले के मामले में भी मणिलाल पाटीदार को नामजद किया गया था। इस मामले में हत्या का भी मुकदमा बढ़ाने का दबाव था।


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