विपक्ष की राह दिवास्वप्न और अरण्य रोदन के अतिरिक्त कुछ भी नहीं !

अपने ही अस्तित्व को नकारता विपक्ष! मोदी विपक्षको महत्व नही दे रहे,मोदी तानाशाह वृत्ति को प्रोत्साहित कर रहे है,विपक्ष की आवाज दबाई जारही है,चीन से मोदी बात नही कर पा रहे,देश मे अराजकता,अस्थिरता का वायुमण्डल बना है,महगाई सातवे आसमान पर है,कोरोना से निपटने में सरकार फेल है ,देश की अंतर्बाह्य नीति पूरी तरह फैल है,किसान,दुकान,ऑफसरशाही, कर्मचारी,कानून व्यवस्था अन्यान्य विषय मोदी सरकार के खिलाफ वह परिवार बोल रहा है जो वस्तुतः देश पर ही भार है।


उसे देश,देश के प्रतिमान,देश के  मौलिक व नैतिक मूल्य तक नही पता पर उसके राग दरबार इस चिप इसमें लगा देते है कि सोना लगाने की मशीन तक आलू से निकलने का उद्बोधन कर अपनी हंसी हसरत करा रहाहै ओर रागदरबारी प्रसन्न है ।दुर्भाग्य तो देश का है जहाँ स्तरीय विपकसक का घोर आभाव है।अभी तुरन्त हो मोदी सरकार द्वारा कृषि संशोधन बिल पास होगया,विपक्ष अरण्य रोदन कर रहा है कि उपसभापिति सुनते ही नही ,बात होभी सकती है आखिर अधकचरे ज्ञान वाले उपसभापति को समझ भी नही सकते।उन्होंने गांघी से भी आगे जाकर असामान्य पृथितियो को सामान्य बनाने का प्रयास किया,पर विपक्षी सांसदों को सज्जन की वृत्ति न समझ कर अपनी दुर्जनता को ही सराहा,कहावत भी है निज कवित्त केहि लगे न नीका।


जब सांसद अयोग्य अक्षम व निरक्षकर लोग बने गे तो देश को तो अपना उन्मत्त मन नीच करना ही पड़ेगा।लोकसभा व राज्य सभा पहुचना इसबात की गारंटी ही नही है कि वह ब्यक्ति सुयोग्य है।पर हर पसरती में पराश्रयी लताएँ अपना स्थान बना ही लेती है आज यही होरहा है आज राजनीति में!


अगर आज का विषय उठाया जाय जो राज्य सभा मे अपने अभिभावक के साथ  सांसदों ने किया वह निंदनीय ही नही सर्वथा घृणित ही है।संसद परिसर में अभेद्य सुरक्षा कवच में रात  क्या पूरी जिनदगी बिताई जा सकती है,अगर विपक्ष के पास हिम्मत औऱ हौसला है तो वह सन्सद छोड़ सड़क पर आजाय आटे दाल का भाव पता चल जाएगा।एक संजय सिंह उनको बेलगाडी के नीचे के चलते जीव का भान होचल है बिना उनके गाड़ी एक कदम भी नही चल सकती।


वस्तुतः कांग्रेस सहित सम्पूर्ण विपक्ष इस दिवा स्वप्न में है कि जो वह सोच है वही सही है ,पर है उल्टा सम्पूर्ण विपक्ष कुटिल वामपंथ की कुनियोजित षड्यंत्र में फस चुका  है, लोकतंत्र में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन सर्वत्र अनुमोडित है ,कोई संसद से निकल कर सड़क की राह पकड़ना ही नही चाहते, सब उसी राष्ट्र मन्दिर में दुबक कर  जीवन का अंतिम  भज बिताना चाहते है.


जोराह मोदी ने पकङी है वही सत्य का मार्ग है,आप सबने देश और समाज को बहुत भटकाया,अब ! न देश भटकेगा और नही देश की जनता।आपका दिवा स्वप्न केवल अरण्य रोदन का कर्म कांड है। लगे हाथ एक निवेदन भी महामहिम राष्टपति जी अयोग्य,अक्षम,लापरवाह,बौद्धिक व आर्थिक पलायन वादियों को टोकने,रोकने हेतु आप सक्षम संस्था को निर्देश,सुझाव भी दे सकते है।


ईश्वर सद्बुद्धि दे!


 


 


 


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