बस्ती
श्रीराम जानकी मार्ग एनएच-227 ए पर बिना किसानों की भूमि का मुआवजा दिये जबरिया सड़क निर्माण करा लेने का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं आवास विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह और किसानों ने हर्रैया के उप जिलाधिकारी के आश्वासन पर दुबौलिया विकास खण्ड के बैरागल बाग में धरना स्थगित कर दिया, निर्णय लिया गया कि सोमवार 14 सितम्बर को जिलाधिकारी से किसानों की वार्ता होगी और समस्या का हल ढूढ लिया जायेगा। किसान उस समय अवाक रह गये जब उप जिलाधिकारी हर्रैया ने नेतृत्व कर रहे सिद्धार्थ सिंह समेत अनेक किसानों को दण्ड प्रक्रिया संहिता 111 के तहत उन्हें नोटिस जारी कर दिया । नोटिस में कहा गया है कि उक्त लोग रामजानकी मार्ग के चौडीकरण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। यही नहीं जमानत के लिये दस-दस लाख रूपये के दो जमानतदार मांगे गये हैं।
सपा नेता सिद्धार्थ सिंह ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपने भूमि का मुआवजा मांग रहे हैं किन्तु प्रशासन उन्हें नोटिस आदि देकर डराने की कोशिश कर रहा है। सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि यदि जिलाधिकारी से वार्ता के बाद मुआवजे के बिन्दु पर सहमति न बनी तो वे किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिये आर-पार का संघर्ष करने को बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
सपा नेता सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि किसाान समस्या का हल चाहते हैं। बिना मुआवजा दिये सड़क निर्माण नहीं कराने देंगे। मुआवजा किसानों का हक है। कहा कि रामजानकी मार्ग पर किसानों की आराजी भूमि पर एनएच-227 ए के किलोमीटर संख्या 0.00 से 55 किलोमीटर के मध्य जबरिया कब्जा किया जा रहा है। ऐसे में प्रोजेक्ट मैनेजर के विरूद्ध किसानों की जमीन पर जबरिया कब्जा की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर किसानों के आराजी भूमि की सुरक्षा किया करने के साथ ही उन्हें मुआवजा दिलाया जाय अन्यथा किसान नोटिस, गिरफ्तारी से डरने वाले नहीं है।