सन्तुलित संस्कृति के प्रतीक थे आकिल जौनपुरी

गंगा जमुनी तहजीब के स्तंभ थे आकिल जौनपुरी  


 जौनपुर।  सरजू प्रसाद शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के तत्वाधान में उर्दू अदब के महान  शायर आकिल  जौनपुरी  की याद में शोक सभा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 वीरेंद्र सिंह ने कहां  आकिल जौनपुरी एक नेक दिल इंसान थे उनकी शायरी लोगों को आपस में जोड़ने के लिए बहुत ही प्रासंगिक है उनकी शायरी में कौमी यकजहती गंगा जमुनी तहजीब मिलता था जौनपुर का एक उम्दा चिराग शायरी का बुझ गया उनके  इंतकाल से हम  सब मरमाहत  है ।  लोगों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम संयोजक संजय उपाध्याय  पूर्वअध्यक्ष  बाल न्यायालय संस्था सचिव  ने कहा आकिल जौनपुरी  उनकी शायरी  का उनका फलसफा जौनपुर को हमेशा दिशा देती रहेगी । उर्दू अदब में उनका एक अलग अंदाज था । बेहोश जौनपुरी ने कहा आकिल जौनपुरी गंगा जमुनी तहजीब के मजबूत स्तंभ थे उनकी रचनाएं हम सबको हमेशा प्रेरणा देती रहेगी । वे बड़े शायर  थे । गिरीश श्रीवास्तव गिरीश ने कहा जब मैं साहित्य की दुनिया में आया हमे जिंन कुछ लोगों ने  प्रभावित किया उसमें आकिल जौनपुरी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे भाषा पर उनका एकाधिकार था उनकी रचनाएं नश्तर की तरह दिल में उतर जाती थी ।  फूलचंद भारती ने कहा कि उनकी शायरी   नई खायालात से भरी होती थी ।  सभाजीत द्विवेदी  ने प्रखरअध्यक्षता करते हुए कहा  कहा कि  आकिल जौनपुरी शेरो शायरी मैं हिंदुस्तान की मौजूदा तस्वीर दिखाई देती है हिंदी उर्दू अदब   सम्मिलित स्वर उनकी भाषा में था उनकी कमी जनपद में हमेशा रहेगी ।  उक्त   अवसर पर  अजीम अनवर, मोहम्मद असलम,मास्टर प्रशिक्षक  जन शिक्षण संस्थानअखिलेश पांडे, दिलीप सेठ,आदित्य प्रसाद उपाध्याय, हिमांशु उपाध्याय, कैलाश नाथ प्रजापति, दिनेश मौर्या, लक्ष्मी नारायण यादव , इंद्रजीत उपाध्याय इत्यादि लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया  ।


 


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