गोरखपुर 18 सितम्बर 20 ।
शासन द्वारा फसल कटाई सत्र से पूर्व ग्राम पंचायतों तथ ग्राम प्रधानों को पराली जलाये जाने की रोकथाम हेतु जागरूक किये जाने तथा पराली जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर उनका उत्तरदायित्व भी निर्धारित किये जाने के निर्देश दिये गये है।
यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी के0 विजयेन्द्र पाण्डियन ने जनपद के समस्त ग्राम प्रधानों से अपेक्षा की है कि वर्तमान खरीफ सत्र में बोई गयी धान/मक्का/गन्ना फसलों की कटाई के पूर्व ही सभी कृषकों को इस संबध्ंा में जागरूक करते हुए यह सुनिश्चित कर लें कि उनकी ग्राम पंचायत के विभिन्न राजस्व ग्रामों में इन फसलों के फसल अवशेषों को कदापि न जलाया जाये। ग्राम पंचायत स्तरीय जन प्रतिनिधियों के नाते उक्त प्रयोजनार्थ चरणबद्ध प्रक्रिया का पालन करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा है कि सभी ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत के सभी राजस्व ग्रामों के ग्राम पंचायत सदस्यों की साधारण सभा की बैठक आहूत करेगे। यह बैठक 21 सितम्बर 25 सितम्बर के मध्य अनिवार्य रूप से कर ली जाये। बैठक में ग्राम पंचायत के जन सामान्य/समस्त कृषिकों को फसल अवशेष को न जलाये जाने हेतु जागरूक करते हुए फसल अवशेष जलाये जाने से भूमि तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी देंगे तथा यह भी अवगत करायेंगे कि यदि उनके द्वारा इस तरह आपराधिक कृत्य किया जाता है तो संबंधित कृषक/व्यक्ति को क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास एवं अर्थदण्ड आदि कार्यवाही से दण्डित किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा है कि आयोजित खुली बैठक में कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक ग्रुप सी, गन्ना विभाग के पर्यवेक्षक, राजस्व विभाग के लेखपाल व पंचायती राज विभाग के ग्राम पंचायत अधिकारी को आमंत्रित किया जाये जो बैठक में उपस्थित ग्राम सभा के सभी सदस्यों को पराली जलाये जाने से होने वाले प्रदूषण तथा खेतों की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देने के साथ साथ फसल अवशेष प्रबंधन में वैकल्पिक तथा लाभकारी उपायों के बारे में भी जानकारी देंगे। ग्राम पंचायत के किसी उपयुक्त सार्वजनिक स्थल पर फसल अवशेष जलाये जाने के अपराध में संबंधित कृषक/व्यक्ति के विरूद्ध क्षतिपूर्ति की वसूली, कारावास एवं अर्थ दण्ड से दण्डित किये जाने के प्राविधानों का विवरण दीवार पर पेंट करा दिया जाये जिससे ग्राम पंचायत के सभी सदस्य विधिक प्राविधानों से अवगत हो सके।
जिलाधिकारी ने आगे कहा है कि ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर उनके प्रयास किये जाने के बावजूद यदि ग्राम पंचायत के किसी व्यक्ति/कृषक द्वारा फसल अवशेष जलाया जाता है तो उसका उत्तरदायित्व होगा कि वह अपने क्षेत्र के राजस्व लेखपाल को संबंधित व्यक्ति/कृषक के विरूद्ध लिखित सूचना देंगे और राजस्व लेखपाल का दायित्व होगा कि सूचना मिलते ही संबंधित थाने में अपराध कारित करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायेंगे तथा क्षतिपूर्ति की वसूली हेतु अपने स्तर से संबंधित उप जिलाधिकारी को लिखित में सूचित करेंगे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि फसल अवशेष जलाये जाने की घटना घटित होने पर यदि ग्राम प्रधान द्वारा घटना को छिपाया जाता है अथवा उच्चाधिकारियों को अवगत कराने में शिथिलता अपनाई जाती है तो यह माना जायेगा कि फसल अवशेष जलाये जाने का अपराध करने वाले व्यक्ति के साथ संबंधित ग्राम प्रधान की दुरभि-संधि व संलिप्तता है तथा बाध्य होकर संबंधित ग्राम प्रधान का भी उत्तरदायित्व निर्धारित कर उक्त कारित अपराध में सह अभयुक्त बनाते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने प्रधानों से अपेक्षा की है कि वे आधारभूत/ग्राम पंचायत स्तरीय जन प्रतिनिधि होने के कारण फसल अवशेष जलाये जाने के अपराधिक कृत्य को रोकने के लिए मा0 राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा निर्धारित की गयी प्रक्रिया में अपने अपेक्षित दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। उनके इस दिशा में किये जाने वाले सार्थक प्रयास फलीभूत होंगे तथा फसल अवशेष जलाये जाने की प्रचलित कूप्रथा के दुष्परिणामों से सभी सम्बद्ध पक्षों को अवगत कराते हुए इस कूप्रथा/अपराधिक कृत्य पर प्रभावी रोक लगाने में सफल होंगे।