लड़का लड़की भेद अमानवीयता व असभ्य परम्परा

नहीं होना चाहिए लड़का और लड़की में भेद भाव


जौनपुर।  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधानमें  ‘‘विकास खण्ड सिरकोनी जौनपुर‘‘ में विधिक साक्षरता जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देवेन्द्र कुमार यादव पैनल अधिवक्ता द्वारा नागरिकों को देश में गिरते हुए लिंगानुपात को चिन्ता का विषय बताते हुए कहा कि लड़का और लड़की में भेद भाव नहीं किया जाना चाहियेे।


अभी भी कन्या भ्रूण हत्या के मामले सामने आते हैं। पी0सी0पी0एन0डी0 एक्ट-1994 के बारे मंे बताते हुए कहा कि प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण कराना या कराने का प्रयास करना दण्डनीय अपराध है, इस अधिनियम के अधीन सजा एवं जुर्माना दोनों का प्रावधान है। उनके द्वारा बताया गया कि विधवा महिलाओं के प्रति विषमतान हीं बल्कि लोगों को समानता की भावना रखनी चाहिए। उनके द्वारा बालिकाओं की शिक्षा प्रक्रिया जल्दी शुरू करने एवं अधिक से अधिक बालिकाओं को स्कूल भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि शिक्षित लड़कियाॅं अपने जीवन में दो परिवारों को शिक्षा एवं संस्कार प्रदान करती है। उनके संरक्षण एवं पालन पोषण में किसी प्रकार का भेद भाव किया जाना अप्राकृतिक एवं निन्दनीय है। साथ ही साथ वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों यथा मास्क का प्रयोग, उचित सामाजिक दूरी, साफ-सफाई एवं नियमित अंतराल पर सेनीटाइजर का प्रयोग अथवा साबुन से हाथ धोने, भीड़ से दूर रहने इत्यादि का आह्वान किया गया।  वीडियोकान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीमती प्रदीप्ति सिंह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर एवं रिसोर्स पर्सन रंजीता शर्मा और शालिनी मौर्या उपस्थित रही। इस अवसर पर रामनिहोर सरोज खण्ड विकास अधिकारी सिरकोनी, पीएलवी सुबाषचन्द्र यादव, और महिलायें तथा कर्मचारी  उपस्थित रहे।


 


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